PATNA : वर्ष 2017-18 के आम बजट में दिव्यांगों के लिए शुरू की गई कई योजनाओं के प्रति रेलवे के अधिकारी उदासीन हैं। बजट के अनुरूप पटना जंक्शन पर दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं लागू की गई। लेकिन एक साल के अंदर ही दम तोड़ती नजर आ रही हैं। योजना के अनुसार इस पर काम तो किया गया लेकिन उसका मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है। पिछले साल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि देश के 500 स्टेशनों को दिव्यांग फ्रेंडली बनाया जाएगा, जिसमें पटना जंक्शन सहित शहर के राजेंद्र नगर टर्मिनल और पटना सिटी स्टेशन भी शामिल थे। इन स्टेशनों पर सुविधाएं तो बहाल कर दी गई लेकिन रखरखाव पर कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है।

पांिर्कंग पर पुलिस की गाडि़यों का कब्जा

पटना जंक्शन पर दिव्यांगों के लिए उचित वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। एक छोटे सी जगह पर पार्किंग का बोर्ड लगाकर महज खानापूर्ति की गई है। बोर्ड पर केवल कार पार्किंग लिा गया है। साथ ही वहां पर नो पार्किंग का एक और बोर्ड ाी लगा दिया गया है। खास बात यह है कि दिव्यांगों के लिए आरक्षित वाहन पार्किंग में हर समय इनकी गाडि़यां यहां खड़ी रहती हैं। पटना जंक्शन के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दिव्यांगों की पार्किंग पर जीआरपी के अधिकारियों और सिपाहियों की गाडि़यां हर समय खड़ी रहती हैं। इनसे बोलने वाला कोई नहीं है।

-पटना जंक्शन के एक नंबर प्लेटफार्म पर दिव्यांगों के लिए बैट्री चालित दो वाहन की व्यवस्था की गई है। लेकिन रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से दोनों वाहन बेकार खड़े हैं।