PATNA: जय प्रभा हॉस्पिटल की जमीन दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल को सौंपे जाने के मामले में दायर याचिका सुनवाई में झूठी निकली है। लिहाजा, न्यायालय ने इसे कोर्ट का समय बर्बाद करने का मामला बताते हुए दोनों याचिकाकर्ताओं को भ्0-भ्0 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है।

- ये है मामला

लोक नायक जयप्रकाश नारायण की पत्‍‌नी जय प्रभा का निधन लीवर कैंसर से हुआ था। इसके बाद उनकी याद में कंकड़बाग में अस्पताल खोला गया था। फिर पति-पत्‍‌नी की स्मृति में जय प्रभा ट्रस्ट बना। राज्य सरकार ने इस जमीन को टेक ओवर कर इस अस्पताल का निर्माण कराया। यहां कम खर्च में रोगियों का इलाज किया जाता है। राज्य सरकार ने इसे और बेहतर बनाने के लिए दिल्ली के मेदांता से करार किया है लेकिन याचिका में कहा गया था कि इस जमीन को हमेशा के लिए मेदांता को दे दिया गया। सुनवाई में ये बातें झूठी साबित हुई।

- किसने दायर की थी याचिका

कंकड़बाग स्थित जयप्रभा अस्पताल की जमीन को दिल्ली के मेदांता हास्पिटल को सौंपे जाने के खिलाफ पंचदेव प्रसाद एवं गौरव कुमार ने लोकहित याचिका दायर की थी। याचिका को खारिज करते हुए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता एवं न्यायाधीश सुधीर सिंह की खंडपीठ ने हर्जाने की राशि को हाईकोर्ट मिडिल इनकम ग्रुप लीगल एड सर्विस प्राधिकार में एक सप्ताह के अंदर जमा करने का निर्देश दिया है। पटना में एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाए जाने को लेकर याचिका कर्ताओं ने अदालत को भ्रमित कर दिया था।