Stand up, be bold and be strong

Patna : उठो, बढ़ो और तब तक ना रुको जब तक की अंतिम सांस रहे। हर चैलेंज का सामना करो। चैलेंज से भागो नहीं बल्कि उसे ऐक्सेप्ट करो और आगे बढ़ो.

आईआईटी पटना का फस्र्ट कंवोकेशन
देश के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम कुछ इसी अंदाज में स्टूडेंट्स को आगे बढऩे की सीख दे रहे थे और हर कोई उन्हें सुन रहा था। मानो उनका एक-एक शब्द अपने जेहन में समा लेना चाहता हो। यह सब हो रहा था रविंद्र भवन में जहां पर आईआईटी पटना के फस्र्ट कंवोकेशन 2012 का आयोजन किया गया था। प्रोग्राम के चीफ गेस्ट थे एक्स प्रेसीडेंट एपीजे अब्दुल कलाम। वहीं इस अवसर पर आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर और आईआईटी खडग़पुर के एक्स डायरेक्टर पद्मश्री प्रो। केएल चोपड़ा और बीएआरसी के एक्स डायरेक्टर और आईआईटी मुंबई के चेयरमैन डॉ। अनिल काकोदकर को डिस्टिंग्विश्ड एकेडेमिक अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस मौके पर आईआईटी पटना के बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन अजय चौधरी, डायरेक्टर अनिल कुमार भौमिक और बोर्ड ऑफ गवर्नर के तमाम मेंबर्स मौजूद थे.
आप देश के न्यू क्रिएशन हो
हमारे पास हमेशा स्टूडेंट्स आकर पूछते है कि हम आईआईटी से निकल कर कितना अर्न कर पाएंगे। मैं उनसे कहता हूं कि आप एक ऐसे इंस्टीच्यूट में हो जहां पर पैसा कमाना बहुत बड़ी बात नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि आप खुद को किस तरह पेश करते हो। आप हमारे न्यू क्रिएशन हो। हमने आपका न्यू डिजाइन बनाया है। जिसे एक सही प्रॉसेस में चलना है। कुछ डिस्कवर करो। आज भी काफी एरियाज हैं, जहां पर चेंज की जरूरत है। हमारे गांवों में आज भी लाइफ काफी कठिन है। उसमें कुछ चेंज करने की सोचो। कुछ ऐसा करों जिससे हमारी बेसिक रिक्वायरमेंट सही हो। आप खुद अपने जॉब को क्रिएट करो। मुझे विश्वास है कि आप एक ऐसे देश का निर्माण करोगे जिसके ऊपर हर कोई गर्व करेगा. 
अजय चौधरी 
चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर, आईआईटी पटना

अभी तो शुरुआत है, सफर अभी बाकी है
अभी तो हमने अपना फस्र्ट कंवोकेशन आयोजित किया है। शुरुआती दिनों में हमें कई तरह की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी। हमारे पास कैंपस की कमी है। लेकिन जल्द ही हमारा अपना कैंपस होगा। अभी हमारे पास 10 एकेडेमिक डिपार्टमेंट हैं, लेकिन अपना कैंपस होने के बाद हम और भी डिपार्टमेंट्स की शुरुआत करेंगे। अगले सेशन 2013 से हम सिविल, इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग और केमिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में बीटेक की शुरुआत कर रहे हैं। यहां पर रिसर्च के क्षेत्र में भी काफी डेवलपमेंट हुआ है। इंडियन कंपनीज के अलावा इंटरनेशनल कोलैबोरेशन के  एरिया में भी संपर्क कर रहे हैं। हमारे यहां पर एल्युमनाई एसोसिएशन भी बनाया गया है।  
प्रो। अनिल कुमार भौमिक 
डायरेक्टर, आईआईटी, पटना

न्यू आइडियाज पर काम करें
यह काफी खुशी की बात है कि आज मुझे इस मौके पर कुछ बोलने का मौका मिल रहा है। अपने बारे में नहीं बल्कि देश के डेवलपमेंट के बारे में सोचना चाहिए। आज के यूथ से हम यही उम्मीद करते हैं। एकेडेमिक और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक काम करने की सबसे ज्यादा जरूरत है। न्यू क्रिएशन के बारे में सोचें और न्यू आइडियाज पर काम करें। आईआईटी से निकल कर एक नया क्रिएशन होता है। ऐसे में इसके वैल्यू को समझ कर आगे बढऩा चाहिए.
प्रो। केएल चोपड़ा,  डिस्टिंग्विश्ड एकेडेमिक अवार्ड 

एनर्जी से आगे बढ़ें
आप सभी के लिए अब स्ट्रगल शुरू हो रहा है। ऐसे में हर न्यू टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ो। आप एक नये आईआईटी से बाहर आ रहे हो। ऐसे में आपको अधिक साबित करने की जरूरत है। आपके सामने न्यू अपॉर्चयूनिटीज हैं। न्यू चैलेंज हैं। आपके पास ऑप्शन भी ढेरों है। बस उसे सही दिशा देने की जरूरत है। हर चैलेंज का सामना करने की ताकत आपको आपके इंस्टीच्यूशन से मिली है। अब प्रैक्टिकल करने का मौका है। आपमें जितनी एनर्जी होगी आप उसे उसी तरह से हैंडल कर पाओगे। अपनी एनर्जी को बनाये रखो और आगे बढ़ते जाओ. 
डॉ। अनिल काकोदकर, डिस्टिंग्विश्ड एकेडेमिक अवार्ड 

आईआईटी के बाद आईआईएम 
आईआईटी पटना से गोल्ड मेडल लेने के बाद अंशुमिता कौशिक अब एमबीए करने की सोच रही है। इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग से बीटेक करने के बाद अब अंशुमिता कौशिक एमबीए करना चाहती है। इसकी तैयारी अभी से उन्होंने कर रखी है। अंशुमिता कौशिक ने आईआईएम, बेंगलुरू में एडमिशन लिया है। अपनी सफलता के लिए फादर प्रो। जीपी कौशिक, मदर प्रो। अनुभा कौशिक के साथ अपने सारे प्रोफेसर्स को श्रेय देते हुए अंशुमिता ने कहा कि फस्र्ट बैच होने के कारण कई स्टूडेंट्स यहां पर नहीं आना चाहते थे। लेकिन अब चार सालों में यहां पर कई डेवलपमेंट हुए हैं। अंशुमिता ने बताया कि हमें अपने इंस्टीच्यूशन से सभी कुछ मिला। मैं हरियाणा से हूं। शुरुआती दिनों में रहन-सहन आदि से काफी कांप्रोमाइज करना पड़ा। यहां का खान-पान भी बिल्कुल हमारे से अलग है। लेकिन हमने कुछ ही दिनों में एडजस्ट कर लिया। पर, हमेशा कैंपस लाइफ को मिस करते रहे। हमारे पास एक कैंपस नहीं था। यहां पर हर कुछ मिला। पढ़ाई के साथ कॅरियर संबंधी गाइड लाइन भी मिली, लेकिन कैंपस की मस्ती का मजा हम नहीं उठा पाए. 

आईआईटी पटना का फस्र्ट कंवोकेशन
देश के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम कुछ इसी अंदाज में स्टूडेंट्स को आगे बढऩे की सीख दे रहे थे और हर कोई उन्हें सुन रहा था। मानो उनका एक-एक शब्द अपने जेहन में समा लेना चाहता हो। यह सब हो रहा था रविंद्र भवन में जहां पर आईआईटी पटना के फस्र्ट कंवोकेशन 2012 का आयोजन किया गया था। प्रोग्राम के चीफ गेस्ट थे एक्स प्रेसीडेंट एपीजे अब्दुल कलाम। वहीं इस अवसर पर आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर और आईआईटी खडग़पुर के एक्स डायरेक्टर पद्मश्री प्रो। केएल चोपड़ा और बीएआरसी के एक्स डायरेक्टर और आईआईटी मुंबई के चेयरमैन डॉ। अनिल काकोदकर को डिस्टिंग्विश्ड एकेडेमिक अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस मौके पर आईआईटी पटना के बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन अजय चौधरी, डायरेक्टर अनिल कुमार भौमिक और बोर्ड ऑफ गवर्नर के तमाम मेंबर्स मौजूद थे।

आप देश के न्यू क्रिएशन हो
हमारे पास हमेशा स्टूडेंट्स आकर पूछते है कि हम आईआईटी से निकल कर कितना अर्न कर पाएंगे। मैं उनसे कहता हूं कि आप एक ऐसे इंस्टीच्यूट में हो जहां पर पैसा कमाना बहुत बड़ी बात नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि आप खुद को किस तरह पेश करते हो। आप हमारे न्यू क्रिएशन हो। हमने आपका न्यू डिजाइन बनाया है। जिसे एक सही प्रॉसेस में चलना है। कुछ डिस्कवर करो। आज भी काफी एरियाज हैं, जहां पर चेंज की जरूरत है। हमारे गांवों में आज भी लाइफ काफी कठिन है। उसमें कुछ चेंज करने की सोचो। कुछ ऐसा करों जिससे हमारी बेसिक रिक्वायरमेंट सही हो। आप खुद अपने जॉब को क्रिएट करो। मुझे विश्वास है कि आप एक ऐसे देश का निर्माण करोगे जिसके ऊपर हर कोई गर्व करेगा. 
अजय चौधरी 
चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर, आईआईटी पटना

अभी तो शुरुआत है, सफर अभी बाकी है
अभी तो हमने अपना फस्र्ट कंवोकेशन आयोजित किया है। शुरुआती दिनों में हमें कई तरह की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी। हमारे पास कैंपस की कमी है। लेकिन जल्द ही हमारा अपना कैंपस होगा। अभी हमारे पास 10 एकेडेमिक डिपार्टमेंट हैं, लेकिन अपना कैंपस होने के बाद हम और भी डिपार्टमेंट्स की शुरुआत करेंगे। अगले सेशन 2013 से हम सिविल, इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग और केमिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में बीटेक की शुरुआत कर रहे हैं। यहां पर रिसर्च के क्षेत्र में भी काफी डेवलपमेंट हुआ है। इंडियन कंपनीज के अलावा इंटरनेशनल कोलैबोरेशन के  एरिया में भी संपर्क कर रहे हैं। हमारे यहां पर एल्युमनाई एसोसिएशन भी बनाया गया है. 
प्रो। अनिल कुमार भौमिक 
डायरेक्टर, आईआईटी, पटना

न्यू आइडियाज पर काम करें
यह काफी खुशी की बात है कि आज मुझे इस मौके पर कुछ बोलने का मौका मिल रहा है। अपने बारे में नहीं बल्कि देश के डेवलपमेंट के बारे में सोचना चाहिए। आज के यूथ से हम यही उम्मीद करते हैं। एकेडेमिक और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक काम करने की सबसे ज्यादा जरूरत है। न्यू क्रिएशन के बारे में सोचें और न्यू आइडियाज पर काम करें। आईआईटी से निकल कर एक नया क्रिएशन होता है। ऐसे में इसके वैल्यू को समझ कर आगे बढऩा चाहिए।
प्रो। केएल चोपड़ा,  डिस्टिंग्विश्ड एकेडेमिक अवार्ड 

एनर्जी से आगे बढ़ें
आप सभी के लिए अब स्ट्रगल शुरू हो रहा है। ऐसे में हर न्यू टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ो। आप एक नये आईआईटी से बाहर आ रहे हो। ऐसे में आपको अधिक साबित करने की जरूरत है। आपके सामने न्यू अपॉर्चयूनिटीज हैं। न्यू चैलेंज हैं। आपके पास ऑप्शन भी ढेरों है। बस उसे सही दिशा देने की जरूरत है। हर चैलेंज का सामना करने की ताकत आपको आपके इंस्टीच्यूशन से मिली है। अब प्रैक्टिकल करने का मौका है। आपमें जितनी एनर्जी होगी आप उसे उसी तरह से हैंडल कर पाओगे। अपनी एनर्जी को बनाये रखो और आगे बढ़ते जाओ. 
डॉ। अनिल काकोदकर, डिस्टिंग्विश्ड एकेडेमिक अवार्ड 

आईआईटी के बाद आईआईएम 
आईआईटी पटना से गोल्ड मेडल लेने के बाद अंशुमिता कौशिक अब एमबीए करने की सोच रही है। इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग से बीटेक करने के बाद अब अंशुमिता कौशिक एमबीए करना चाहती है। इसकी तैयारी अभी से उन्होंने कर रखी है। अंशुमिता कौशिक ने आईआईएम, बेंगलुरू में एडमिशन लिया है। अपनी सफलता के लिए फादर प्रो। जीपी कौशिक, मदर प्रो। अनुभा कौशिक के साथ अपने सारे प्रोफेसर्स को श्रेय देते हुए अंशुमिता ने कहा कि फस्र्ट बैच होने के कारण कई स्टूडेंट्स यहां पर नहीं आना चाहते थे। लेकिन अब चार सालों में यहां पर कई डेवलपमेंट हुए हैं। अंशुमिता ने बताया कि हमें अपने इंस्टीच्यूशन से सभी कुछ मिला। मैं हरियाणा से हूं। शुरुआती दिनों में रहन-सहन आदि से काफी कांप्रोमाइज करना पड़ा। यहां का खान-पान भी बिल्कुल हमारे से अलग है। लेकिन हमने कुछ ही दिनों में एडजस्ट कर लिया। पर, हमेशा कैंपस लाइफ को मिस करते रहे। हमारे पास एक कैंपस नहीं था। यहां पर हर कुछ मिला। पढ़ाई के साथ कॅरियर संबंधी गाइड लाइन भी मिली, लेकिन कैंपस की मस्ती का मजा हम नहीं उठा पाए. 

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