-वैन में मजदूर बनकर पर्चा लीक करने पहुंचे थे डॉक्टर और लॉ स्टूडेंट

PATNA: बिहार स्टाफ सलेक्शन कमिशन का क्वेश्चन पेपर लीक करने और फिर इसमें शामिल लोगों की गिरफ्तारी के बाद भी शातिरों का दुस्साहस जारी है। सेटिंग-गेटिंग के साथ ही क्वेश्चन पेपर लीक करने का खेल चल रहा है। पटना पुलिस ने एक बार फिर अपना दमखम दिखाते हुए एक ऐसे गैंग को पकड़ा है, जो चलती वैन में मेडिकल इंट्रेंस एग्जाम नीट का पर्चा लीक करने वाले थे। संडे को पटना के फ्ख् सेंटर्स पर नीट एग्जाम था। एसएसपी मनु महाराज को पर्चा लीक करने में जुटे शातिरों की सूचना मिली। स्पेशल टीम गठित की गई। टीम ने पत्रकार नगर थाना अंतर्गत सेंट्रल स्कूल के पास से पर्चा लेकर घूम रही वैन को दबोचा। वैन में ड्राइवर संजय यादव समेत चार शातिर सवार थे। जिसे टीम ने क?जे में लिया। पुलिस ने पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर शिव कुमार और एनएमसीएच के शिवम मंडल को दबोचा है। दोनों मेडिकल सेकेंड ईयर के स्टूडेंट हैं। साथ ही लॉ स्टूडेंट अविनाश रौशन भी पकड़े गए हैं।

सेंटर सुपरिटेंडेंट की मिली-भगत

जिस वक्तपुलिस ने चारों को दबोचा उसी बीच शिव कुमार के मोबाइल पर लगातार कॉल आ रहा था। जांच में नंबर अविनाश चन्द्र का मिला। दरअसल, अविनाश चन्द्र क्राइस्ट चर्च स्कूल में बनाए गए सेंटर का सेंटर सुपिरिटेंडेंट बनाए गए थे। सेटर से सेंटर सुपिरिटेंडेंट मिले थे। इसलिए लगातार कॉल कर रहे थे। बाद में पुलिस ने इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया।

मजदूर बनकर वैन में थे सवार

ये प्लानिंग कोई एक-दो दिनों का नहीं था। शातिरों ने सबसे पहले क्वेश्चन लेकर जाने वाले वैन ड्राइवर को मिलाया। शिव कुमार, शिवम और अविनाश रौशन पहले से वैन में सवार थे। ये तीनों मजदूर बनकर क्वेश्चन पेपर लेने एग्जीविशन रोड चौराहा स्थित केनरा बैंक पहुंचे। वहां से क्वेश्चन लेकर निकल गए।

चलती वैन में लीक की तैयारी

शातिरों की तैयारी चलती वैन में ही क्वेश्चन पेपर की तस्वीर खींच कर व्हाट्स एप्प गु्रप में भेजने की थी। ए, बी, सी, और डी सीरिज में ब् सेट के अलग-अलग पेपर थे। सीरिज के हिसाब से ब् स्मार्ट फोन ले रखा था। सभी स्मार्ट फोन के पीछे ए, बी, सी, डी मार्क किए गए थे। मोबाइल से अलग-अलग सीरिज की फोटो भेजने की तैयारी थी। फिर दोनों डॉक्टर पेपर सॉल्व करते। पेपर बॉक्स की सील तोड़ने के औजार वैन में रखे थे। फोटो खींचने के बाद सील पैक करने की भी तैयारी थी। प्लान ऐसा था कि पेपर आउट हो जाता और पता भी नहीं चलता। जिस वैन में शातिर सवार थे, उसके पीछे एक लग्जरी कार चल रही थी। ताकि काम होते ही शातिर कार से फरार हो जाते।

ख्म् कैंडिडेट से वसूले गए लाखों रुपए

शातिरों ने करीब ख्म् कैंडिडेट को झांसे में ले रखा था। क्वेश्चन पेपर और उसका सॉल्व एनसर उपल?ध कराने की एवज में हर एक कैंडिडेट से लाखों रुपए वसूल किए गए। सेटिंग-गेटिंग का ये खेल पिछले कई दिनों से अंदर ही अंदर चल रहा था। सारे कैंडिडेट शातिरों के बनाए गए व्हाट्स एप्प गु्रप से जुडे़ हुए थे। इन सब की पहचान पुलिस के सामने आ चुकी है।

किंग पीन की है तलाश

इस गैंग का किंग पीन अब भी फरार है। पुलिस को पता चल चुका है कि इसका गैंग का किंग पीन कौन है। उसकी पहचान पुलिस के सामने आ चुकी है। पुलिस ने फिलहाल उसका नाम खोलने से साफ मना कर दिया है। हां इस बात का दावा जरूर किया गया है कि जल्द ही पुलिस टीम किंग पीन को गिरफ्तार करेगी।

नालंदा से जुड़ रहे हैं तार

इंटर टॉपर्स घोटाला और बीएसएससी पेपर लीक मामलों के तार नालंदा से जुड़े थे। अब नीट पेपर लीक करने की कोशिश भी नालंदा जिले से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस गैंग का किंग पीन नालंदा जिले का ही है। हालांकि पुलिस ने एक बात साफ कर दिया कि इस गैंग का बीएसएससी पेपर लीक मामले से कोई कनेक्शन नहीं है।

चलती गाड़ी में नीट एग्जाम के क्वेश्चन पेपर को लीक करने की तैयारी थी। सेंटर सुपरिटेंडेंट इसमें मिले थे। दो डॉक्टर और लॉ स्टूडेंट समेत कुल भ् को गिरफ्तार किया गया है। किंग पीन और गैंग में शामिल बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

-मनु महाराज, एसएसपी, पटना