- धनतेरस के दिन लगभग पांच हजार नई गाडि़यां एक साथ उतरेंगी सड़कों पर

- मार्केटिंग के लिए भी लोगों की रहेगी भीड़, तीन बजे के बाद ही निकलेंगी शोरूम से

- ट्रैफिक एसपी ने नई गाडि़यों के लिए लांग रूट पर जाने की अपील की

PATNA: शहर की ट्रैफिक के लिए जितनी भी लक्ष्मण रेखा खींची जाएं, पर नतीजा कुछ नहीं निकलने वाला है। अब तक ओवर क्राउड ट्रैफिक सिस्टम से परेशान ट्रैफिक डिपार्टमेंट के लिए एक और भी मुश्किल सामने आने वाली है। वो मुश्किल एक साथ धनतेरस पर एक साथ आने वाली है। इस बार दीवाली के मौके पर धनतेरस के दिन शहर की ट्रैफिक पर एक साथ पांच हजार के आसपास नई गाडि़यां सड़कों पर आने वाली है। इसे लेकर अब तक ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से कोई खासी तैयारी तक नहीं की गई है, जबकि पिछले साल चार बजे से लेकर रात के क्ख् बजे तक शहर के विभिन्न सड़कों पर जमकर ट्रैफिक प्रेशर हुआ था। घंटों बीत जाने के बाद भी ट्रैफिक आसान नहीं दिखी और जैसे-तैसे लोग मुहूर्त खत्म होने के बाद अपने-अपने घर पहुंच पाए। इस बार कुछ ऐसा ही होने वाला है, क्योंकि पांच हजार से अधिक गाडि़यां उस ट्रैफिक पर उतरेगी, जो पहले से ही ख्ब् लाख टू व्हीलर और फोर व्हीलर के प्रेशर से दबी हुई है। इसके अलावा ठेला-रिक्शा और हैवी व्हीकल की संख्या अलग है।

ख् बजे से पहले ही ले लें

इस बार गाडि़यों की बढ़ रही बुकिंग को ध्यान से देखा जाए, तो ट्रैफिक पर इसका लोड काफी दिखेगा, क्योंकि शोरूम से गाडि़यों को अपने-अपने घर ले जाने में लंबा वक्त लग सकता है, इसलिए गाडि़यों को धनतेरस से पहले या फिर दोपहर दो बजे तक गाडि़यों को शोरूम से निकाल सकते हैं। टू व्हीलर ऑनर होंडा, हीरो सहित कई नामी कंपनी भी अपने कस्टमर को सवेरे ले जाने की हिदायत देते है, ताकि सही मुर्हूत तक गाड़ी आपके कैंपस में लग पाए। यही नहीं, अगर आप धनतेरस के दिन या शाम मंदिरों में पूजा करवाने से बचें, क्योंकि ऐसा करने पर आपका ही खासा नुकसान होगा। पंडित रविशंकर मिश्रा ने बताया कि पूजन किसी भी दिन सुबह में कर लेने से भगवान का आशिर्वाद मिल ही जाता है, इसलिए उसके लिए एक ही समय पर सबों को आने की जरुरत नहीं है।

स्क्रैच से भी बचाएं गाडि़यों को

ट्रैफिक एसपी पीके दास ने बताया कि नयी गाडि़यां जिस शोरूम से निकलेंगी, उसके आसपास भी ट्रैफिक पुलिस की मुस्तैदी रहेगी, इसलिए गाड़ी ऑनर को अधिक परेशानी नहीं आएगी। नयी गाडि़यों के साथ सबसे बड़ी मुश्किल स्क्रैच को लेकर होती है। अगर कोई दूसरी गाड़ी स्क्रैच मार देती है तो फिर मुश्किल बढ़ जाती है। बीच सड़क पर ही हंगामा शुरू हो जाता है, इसलिए हर गाड़ी ऑनर को चाहिए कि वो सवेरे गाड़ी को निकालने और लांग रूट लेकर अपने घर जाए। शॉट रूट में वो परेशानी में फंस सकते हैं।

दीवाली के बाद बढ़ेगा और भी लोड

जानकारी हो कि ख्ब् हजार से अधिक गाडि़यां पटना शहर की हैं, जो यहां की सड़कों पर चलती हैं। इसके अलावा राजधानी होने की वजह से बाहर से आने वाली गाडि़यों का प्रेशर भी काफी बढ़ा रहता है। ऐसे में नयी पांच हजार से अधिक गाडि़यों के आने की वजह से ट्रैफिक का लोड और भी बढ़ जाएगा।

सड़कों पर इस तरह बढ़ रहा प्रेशर

टू व्हीलर - सात लाख

फोर व्हीलर कॉमर्शियल व प्राइवेट - दस लाख

हैवी गुड्स व अन्य डिस्ट्रिक्ट की गाडि़यां - दो लाख

रिक्शा और ठेला - दस हजार

ऑटो - फ्0 हजार से ऊपर

नयी टू फोर व्हीलर गाड़ी - भ् हजार