PATNA: प्रदेश के 10 जिलों में करीब 10 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से आफत में घिर गए हैं। सैटरडे को दरभंगा और गोपालगंज में वायु सेना के 4 हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट गिराए गए। एनडीआरएफ की टीम भी लोगों को सुरक्षित निकालने में लगे हुए हैं। इसके अलावा लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेकर जान-माल की सुरक्षा कर रहे हैं। सुपौल में तटबंध पर कोसी दबाव बना है। गोपालगंज जिले में गंडक में बाढ़ से तीन जगह और बैकुंठपुर के सोनवलिया, मडवा तथा मूंजा के पास भी सारण तटबंध टूटा है। गंडक में बह कर मोतिहारी पहुंचे 26 हिरणों को वन विभाग ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पहुंचाया। नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर और मझौलिया-सुगौली रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद रहा। समस्तीपुर-दरभंगा में भी बाढ़ के पानी में लोग घिरे हुए हैं। कई जिलों में बाढ़ के पानी में डूबने से 27 लोगों की मौत होने की बात कही गई है।

राहत और बचाव में लगी है एनडीआरएफ की टीम

गोपालगंज जिले में बाढ़ और विकराल हो गई है। हेलीकॉप्टर से प्रशासनिक पदाधिकारियों की टीम ने सर्वेक्षण किया। मांझा के पथरा गांव में घर छोड़कर जान बचाने के लिए बाढ़ के पानी से होकर निकल रहे 55 वर्षीय खुश मोहम्मद तथा 60 वर्षीय नूर मोहम्मद साईं गिर गए। डूबने से दोनों की मौत हो गई। सूचना मिलने पर एनडीआरएफ की टीम के साथ नाव पर पहुंची पुलिस ने दोनों का शव पानी से निकाल पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। बाढ़ में फंसे एक हजार से अधिक लोगों को एनडीआरएफ ने बाहर निकाला। उधर सारण जिले के चार प्रखंड के 12 पंचायतों के 32 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सिवान जिले में कई गांवों में लगातार सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से बांधों पर दबाव बना हुआ है।

अफसरों ने किया सर्वे

पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर 2.12 लाख क्यूसेक रहा। दरभंगा में हेलीकॉप्टर से राहत बांटी गई। पूर्वी चंपारण और दरभंगा में डीएम ने हेलीकॉप्टर से सर्वे किया। पूर्वी चंपारण से बाढ़ से हालात काफी खराब है। मधुबनी और समस्तीपुर के दर्जनों गांवों सीतामढ़ी के कई मोहल्लों में पानी फैल गया है।