PATNA: आजादी के बाद से अब तक खाद्यान उत्पादन में 18 गुना की वृद्धि हासिल की गई है। इसमें और बेहतर स्तर प्राप्त करने के लिए तकनीक और प्रशिक्षण का सहारा लिया जा रहा है। लेकिन तकनीक सहित कई प्रकार के उपायों के बावजूद हमलोग खाद्य सुरक्षा (फूड सिक्योरिटी) सुनिश्चित कर पाने में असमर्थ होंगे यदि कृषि के साथ- साथ पशुपालन को एक साथ महत्व नहीं देंगे। ये बातें दिल्ली से इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) के एडीजी डॉ पीएस पांडेय ने कही। वे बिहार वेटनरी कॉलेज, दो दिवसीय लिवलिहुड एंड फूड सिक्योरिटी विषय पर आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में बोल रहे थे। इससे पहले कांफ्रेंस का विधिवत उद्घाटन कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार, राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा और बिहार एनीमल साइंसेज यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ रामेश्वर सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।

इंटीग्रेटेड मॉडल की है जरूरत

आईसीएआर के एडीजी डॉ पीएस पंाडेय ने देश भर से आए कृषि वैज्ञानिक एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि किसानों की आय दोगुनी करनी है और खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य भी हासिल करना है। इसके लिए जरूरी है कि कृषि और पशुपालन को एक साथ विस्तार दिया जाए। इसमें किसान खेती के साथ- साथ पशुपालन पर भी समुचित ध्यान दें। इससे दोनों लक्ष्य हासिल होगा।