PATNA : भगवान शिव के प्रिय सावन मास के चौथे सोमवारी पर भक्तों ने भोले बाबा के साथ माता गौरी की भी पूजा की। मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन शिव-पार्वती साथ-साथ पृथ्वी लोक पर विचरण करते हैं। सावन की सोमवारी पर विशेषकर शिव की कृपा बरसती है। कोरोना महामारी के कारण घरों में ही भोलेनाथ के अधिकतर भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूíत और शिव की कृपा पाने के लिए जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, हवन और शांति पाठ आदि किए। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव पर गंगाजल, दूध, भांग-धतूर, आक, मधु, घी आदि अíपत किए।

पुत्र कारक योग में हुई महादेव की पूजा

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि कल सावन मास के शुक्ल पक्ष में सोमवार दिन के साथ प्रदोष व्रत होने से यह पुत्र कारक योग हो गया था। पुत्र की कामना रखने वाले श्रद्धालु ने महादेव को दूध, दही, मधु और गंगाजल से स्नान आदि कराकर विशेष पूजा और श्रृंगार कर अपनी मनोकामना पूíत के लिए प्रार्थना की। उदय कालिक सप्तमी तिथि, चित्रा नक्षत्र और साध्य योग के साथ सोम प्रदोष का भी योग बना था। जो पूजा-पाठ, अनुष्ठान, साधना के लिए खास माना जाता है। कुंडली में सूर्य, चन्द्र कमजोर या महादशा की शांति के लिए महाकाल की पूजा कर आदित्य हृदयस्त्रोत का पाठ किए। सावन के चौथे सोमवारी पर बने ग्रह-गोचरों के उत्तम संयोग में आंनदपुरी निवासी पवन कुमार के आवास पर रुद्राभिषेक पूजा, शांति हवन आचार्य रूपेश पाठक की अगुवाई में की गई ।