-पीजी डिपार्टमेंट के अंतर्गत बॉयो टेक्नोलॉजी कोर्सेज संचालित

PATNA: पटना यूनिवर्सिटी में पीजी डिपार्टमेंट के अंतर्गत बॉयोटेक्नोलॉजी के कोर्सेज चलाए जा रहे हैं। इसे एक संपूर्ण विभाग का दर्जा प्राप्त होने का इंतजार है। इस संबंध में एकेडमिक काउंसिल, सीनेट और सिंडिकेट से अप्रूवल पहले ही मिल चुका है। बॉयोटेक्नोलॉजी के को-आर्डिनेटर प्रो। वीरेंद्र प्रसाद का कहना है कि सभी प्रक्रिया पूरी है और गवर्नर हाउस से अप्रूवल का इंतजार है। वर्तमान में यहां एमएससी के डिग्री कोर्सेज और पीएचडी की पढ़ाई होती है। यह हर प्रकार के माडर्न इक्यूपमेंट से सुसज्जित है। पीजी डिपार्टमेंट के अंतर्गत चल रह बॉयो टेक्नोलॉजी को सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स के तौर पर चलाया जा रहा है। इसका अर्थ है यह छात्रों की पैसे और छोटे-मोटे प्रोजेक्ट से मिले फंड से चल रहा है। यदि यह आम विषयों की भांति एक पूर्ण डिपार्टमेंट के रूप में दर्जा प्राप्त कर लेता है तो इसे हर प्रकार के फंड प्राप्त कर विकसित स्वरूप देने और छात्रों की सुविधा बढ़ाने में मदद मिलेगी।

पहले यह काम करना होगा

वर्ष ख्008 में यह एक सेंटर के रूप में स्थापित किया गया। इसकी स्थापना की स्वीकृति गवर्नर के द्वारा की गई थी। यदि बॉयो टेक्नोलॉजी को एक विभाग के रूप में विकसित करना है तो यहां पीजी डिपार्टमेंट के अनुसार स्वीकृत पदों को भरना होगा। इससे पहले इसका श्रृजन भी करना होगा। गवर्नर हाउस को भेजी सूचना में सात पदों को भरने का प्रस्ताव भेजा गया है। दो एसोसिएट प्रोफेसर, तीन असिस्टेंट प्रोफेसर और एक प्रोफेसर का पद स्वीकृत होना है। इसके बाद फंड प्राप्त करना आसान होगा।

इन रिसर्च एरिया पर है फोकस

को- आर्डिनेटर प्रो। वीरेंद्र प्रसाद ने इस बारे में बताया कि बॉयो फ्यूल, एंटी बॉयोटिक प्रोडक्शन, इम्पैक्ट ऑफ मेडिसीनल प्लांट इन लाइफ स्पैन एंड हेल्थ जैसे टॉपिक पर फोकस किया जा रहा है। वर्तमान में यहां नियमानुसार ख्0 सीटें हैं। इससे पहले अगस्त, ख्0क्म् को इसके अंतर्गत सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी की स्थापना भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के फंड से किया गया है। एनिमल सेल कल्चर, क्रायोब्रीजवेटिव फैसिलिटी और माइक्रोब्रियल फैसिलिटी देकर रिसर्च को बढ़ावा दिया जा रहा है।