- कोरोना के डेथ रेट बढ़ने से बढ़ा संक्रमण का खतरा

-पूरे प्रदेश के कोरोना पेशेंट की पटना में मौत के बाद घाट पर अंतिम संस्कार से बढ़ रहा संक्रमण का खतरा

- बिहार में कोरोना से अब तक 221 लोगों की मौत

- पटना में मौत - 40

-बांस घाट, गुलबी घाट पर बढ़ रही संक्रमण की आशंका, सचेत हुआ नगर निगम

PATNA

पटना में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण से मौत का रेशियो बढ़ता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ गंगा किनारे शव के अंतिम संस्कार को लेकर बदइंतजामी और इससे संक्रमण फैलने की आशंका से भी पटनाइट्स डरने लगे हैं। न सिर्फ पटना बल्कि बिहार के कई जिलों से एनएमसीएच, पीएमसीएच व एम्स में इलाज करवाने आए मरीजों की मौत के बाद भी उनका दाह संस्कार पटना के ही घाटों पर किया जा रहा है। ऐसे में उचित इंतजाम के साथ शव का अंतिम संस्कार नहीं होने से आसपास के क्षेत्र में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इतना ही नहीं कई बार कोरोना से मृत व्यक्तियों के शव की तस्वीर कभी गंगा में बहती वायरल हो रही है तो कभी पेट्रोल से शव जलाने की भी खबरें लोगों के बीच हो रही हैं।

घटना -1

पटना के बांसघाट स्थित श्मशान घाट में कोरोना संक्रमितों का शव खुले में जलाने का आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है। इससे संक्रमण के खतरे की आशंका जतायी है। इनका आरोप है कि शव को जलाने के लिए पेट्रोल छिड़का जा रहा है। बांसघाट से गंगा की तरफ जाने वाले रास्ते के बगल में एक शेड को घेरकर कोरोना मरीजों का शव जलाया जाता है। आमतौर पर प्रशासन रात में शव को जलाता था। सूत्रों के अनुसार गुरुवार दोपहर को यहां तीन शव जलाए जा रहे थे। आरोप है कि इनपर पेट्रोल छिड़ककर जलाने की कोशिश की जा रही थी। इसे देख सड़क पर कई लोग रुक गए। काफी भीड़ जमा हो गई। कई लोग हंगामा करने लगे कि पेट्रोल छिड़ककर शव को जलाया जा रहा है।

घटना- 2

लकड़ी के लिए 14 हजार रुपए, 8 हजार का खर्च अलग

पटना एम्स में इलाज करवा रहे अरुण मिश्रा की मौत कोरोना की वजह से हो गई थी। अरुण मिश्रा की बेटी श्रुति ऋचा का आरोप है कि कोरोना के मरीज की मौत के बाद बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। पटना के बांस घाट पर एक नोडल पदाधिकारी था जिसने हमलोगों को दो पीपीई किट दिए। उस वक्त शव जलाने वाली मशीन भी खराब थी। मजबूरी में हम लोगों ने मिलकर शव का अंतिम संस्कार किया। बेटी का आरोप है कि लकड़ी के लिए 14 हजार रुपए मनमाने तरीके से लिए गए और 8 हजार अलग से खर्च लिया गया।

पटना में 40 मौत

राज्य सरकार की तरफ से 24 जुलाई शाम तक जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब तक 221 लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो चुकी है। वहीं पटना में मौत का आंकड़ा 40 हो चुका है।

सामाजिक कार्यकर्ता भी करने लगे हैं अपील

पटना के सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश हिसारिया कहते हैं। पिछले चार पांच दिनों से घर पर क्वारंटीन रहे कई लोगों को मौत हो गई है जिनका अंतिम संस्कार पटना के घाटों (सबसे ज्यादा गुलबी घाट) पर बिना सरकार के संज्ञान में हो रहा है। सरकार का ध्यान इस तरफ दिलाना होगा, नहीं तो गुपचुप तरीके से हो रहे इस तरह के अंतिम संस्कार का बुरा परिणाम समाज को भुगतना पड़ रहा है। गुलबी घाट और पटना के अन्य घाटों पर आरोग्य सेतु एॅप के जरिये इस सूचना का सत्यापन किया जा सकता है।

नगर निगम ने अधिकारियों को दी जिम्मेदारी

नगर निगम आयुक्त हिमांशु शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया है घाटों पर नजर रखें और वहां सैनिटाइजेशन की बेहतर व्यवस्था की जाए। उन्होंने खराब पड़े विद्युत शव-दाह गृह को तत्काल मेंटेनेंस करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सभी घाट के संबंधित अंचल कार्यपालक पदाधिकारी को भी वहां सफाई मजदूरों की प्रतिनियुक्ति करना और पर्याप्त मात्रा में लकड़ी का इंतजाम करने के भी निर्देश दिए गए हैं।