पटना ब्‍यूरो। बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक कराकर अरबों रुपये कमाने का टारगेट सेट किया गया था। कौन हैं यह चार यार और क्या है इसका बंगला और यूपी से कनेक्शन। गैंग ऑफ फोर के मेन मेंबर विशाल चौरसिया पुलिस की गिरफ्त में है। लेकिन बाकी तीन अभी भी फरार हैं। इस मामले में बंगाल और यूपी के जांच एजेंसियों से ईओयू संपर्क कर रही है। ताकि इनकी तलाश कर के इस मामले की जांच को फाइनल एंड तक पहुंचाया जा सके।

यूपी का अजीत चौहान से कैसे हुई विशाल की मित्रता
इस मामले में ईओयू के सामने विशाल ने अजीत चौहान से अपने संबंधों का खुलासा करते हुए बताया है कि प्रश्न पत्र लीक मामले में अजीत चौहान भी उसके योजना का एक अहम किरायेदार रहा है। उसने अपने कलकत्ता के संपर्कों के जरिये विशाल की मुलाकात कई प्रिटिंग प्रेस मालिकों से कराई थी। अब सवाल है कि यह अजीत चौहान है कौन। तो आपको बता दें कि अजीत चौहान खुद एक पैरलल एग्जाम सेटर है। जो कि यूपी के जौनपुर के रहने वाला है। अजीत चौहान पहली बार तब सुर्खियों में आया था जब यूपी शिक्षक भर्ती परीक्षा में उसका नाम सामने आया था। पीसीएस अधिकारी अंजू लता कटियार जो उस समय यूपी में परीक्षा कंट्रोलर थी के साथ मिलकर यूपी शिक्षक परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक कराया था।

कौशिक कर से अजीत ने ही विशाल की कराई थी मुलाकात
ईओयू के दर्ज एफआईआर के अनुसार विशाल की मुलाकात कलकत्ता के प्रिटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कर से अजीत ने ही कराई थी। बता दें कि कौशिक कर का भी नाम यूपी शिक्षक प्रश्न पत्र लीक में सामने आ चुका है। इस मामले में वह जेल भी चुका है। यूपी के पीसीएस अधिकारी अंजू लता कटियार को कथित तौरपर कौशिक कर के द्वारा दस लाख रुपये देने बात सामने आई थी। इस मामले में अजीत चौहान ने ही कौशिक की जान पहचान यूपी के अधिकारियों से कराई थी। जिसके रिजल्ट यूपी शिक्षक भर्ती परीक्षा लीक के तौर पर सामने आया था।

जानकी प्रेस में काम करने वाले बिहारी मूल का विरेेंद्र भी पुलिस के रडार पर
प्रश्न पत्र लीक मामले में गैंग ऑफ फोर के एक अहम सदस्य के तौर पर विरेंद्र सिंह का नाम सामने आ रहा है। विशाल ने खुद ही ईओयू को विरेंद्र सिंह के बारे में बताया है। विरेंद्र सिंह बिहार वैशाली जिले के विदुपुर का ही रहने वाला है। लेकिन फिलहाल वह कलकत्ता में स्थाई तौर पर बस गया है। विरेंद्र सिंह कलकत्ता के जानकी प्रेस से जुड़ा हुआ है। ओडिसा के बालासोर जेल में विरेंद्र सिंह, जानकी प्रेस का मालिक पार्थो घोस और विशाल तीनों एक साथ बंद थे। ओडिसा जूनियर इंजीनियर परीक्षा प्रश्न पत्र लीक को इसी तिकड़ी ने अंजाम दिया था।

ईओयू इनकी गिरफ्तारी की कर रही है कोशिश
एफआईआर में नाम सामने आने के बाद ईओयू ने गैंग ऑफ के तीन बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी की कोशिश तेज कर दी है। इस मामले में अलग-अलग टीम बंगाल और यूपी के ठिकानों पर छापेमारी कर उनके गिरफ्तारी की कोशिश में जुट गई है। इस मामले में ईओयू संबंधित राज्य के जांच एजेंसियों के भी संपर्क में है।

यूपी शिक्षक भर्ती की तर्ज पर हुआ बिहार शिक्षक भर्ती प्रश्न पत्र लीक
यूपी शिक्षक भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले का बिहार से काफी समानता है। दोनों मामले में प्रिटिंग प्रेस का कलकत्ता से संबंध है। इसके अलावा यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरोपी रहे कौशिक कर और अजीत चौहान का बिहार शिक्षक भर्ती धांधली में भी नाम आ चुका है।