- पूर्वी चंपारण में बूढ़ी गंडक का ¨रग बांध टूटा, सारण में भी कहर

PATNA: प्रदेश में गुरुवार को हुई जमकर बारिश से गंगा और कोसी समेत कई नदियां लाल निशान से ऊपर हो गईं। पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल इलाके के कटिहार में महानंदा का जलस्तर लगातार दूसरे दिन भी खतरे के निशान से ऊपर रहा। गंगा नदी चेतावनी स्तर के ऊपर बह रही है। कोसी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है, लेकिन यह लाल निशान के ऊपर बह रही है। बररंडी नदी का जलस्तर स्थिर लेकिन खतरे के निशान से ऊपर है। पूर्णिया से होकर गुजरी महानंदा एवं कनकई खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। खगडि़या में नदियों के उफान के कारण नए इलाकों में पानी फैल रहा है। मधुबनी में कमला बलान खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। सीतामढ़ी में बागमती और अधवारा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गुरुवार को सूबे में डूबने से 12 और ठनका से आठ लोगों की मौत हो गई।

खगडि़या के 95 गांव चपेट में

खगडि़या जिले के 95 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। नए इलाकों में पानी फैलता जा रहा है। 80 हजार की आबादी इसकी चपेट में आ चुकी है। सरकारी आंकड़े के अनुसार अब तक 12 सौ के करीब लोग विस्थापित हुए हैं। सुपौल में कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बावजूद कोसी के तटबंध पर दबाव की कोई सूचना नहीं है। पूर्व से दबाव झेल रहे ¨बदुओं का मजबूतीकरण का काम कराया जा रहा है। मधेपुरा जिले के आलमनगर व चौसा के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। महानंदा और कनकई से क्षेत्र में कटाव जारी है।

पूर्वी चंपारण में ¨रग बांध टूटा

उत्तर बिहार के पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर 2.95 लाख क्यूसेक रहा। पूर्वी चंपारण के महुआवा बैरिया में बूढ़ी गंडक का ¨रग बांध टूट गया। इससे पकड़ीदयाल और पिपरा प्रखंड के कई गांवों में पानी फैल गया है। सुगौली के भवानीपुर गांव के पास बांध पर दबाव बढ़ गया है। मधुबनी में कमला बलान उफान पर है। धौस नदी का पानी गांवों में फैलने लगा है। समस्तीपुर शहर में बांध से सटे निचले इलाके में बूढ़ी गंडक का पानी फैलने से परेशानी बढ़ गई है। समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर सातवें दिन भी ट्रेनों का परिचालन बंद रहा। शिवहर में तटबंधों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दरभंगा में परेशानी कम नहीं हो रही है। मुजफ्फरपुर शहर के नए क्षेत्रों में बूढ़ी गंडक नदी का पानी फैल रहा है।