- जीएसटी पोर्टल पर होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

PATNA: गुड्स एंड सर्विस टैक्स एक अप्रैल, ख्0क्7 से लागू हो रहा है। इसलिए व्यवसायी वैट के लिए रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें। क्भ् दिसंबर, ख्0क्म् तक रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है। ऐसा नहीं करने पर व्यवसाय करने में परेशानी हो सकती है। इस संबंध में पहले ही जीएसटी नेटवर्क की ओर से रजिस्ट्रेशन के लिए विस्तृत जानकारी दी जा चुकी है। जिन व्यापारियों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उन्हें जल्दी जीएसटी नेटवर्क पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा लेना चाहिए।

ये डाक्यूमेंट जरूरी

व्यवसाय से संबंधित जानकारी, पार्टनशिप डीड, व्यवसायिक प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन पेपर, प्रमोटर्स, पाटनर्स, एचयूएफ कर्ता का फोटो, रजिस्टर्ड सिगनेचर और बैंक पासबुक के पहले पेज की फोटो कॉपी।

ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन

देशभर के सभी वैट जमा करने वालों को रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है। इस बावत सभी को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। सभी का जीएसटी नेटवर्क पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना है। संबंधित लोगों को वैट के वर्तमान आईडी और पासवर्ड के साथ लॉग इन करना है। जीएसटी के लिए प्रोविजनल आईडी और पासवर्ड मिलेगा। इसी आईडी और पासवर्ड के आधार पर जीएसटी के कॉमन प्लेटफॉर्म पर लॉग इन करना है। ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर को अंकित करते हुए इसे भरें। यह पूरी प्रक्रिया कई चरणों में संपन्न होगी।

क्या है जीएसटी नेटवर्क

जीएसटी नेटवर्क के वेबपेज पर रजिस्टर करें। गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क कंपनीज एक्ट के सेक्शन आठ के अंतर्गत यह एक नॉन प्रोफिट आर्गनाइजेशन है। चूंकि जीएसटी का स्वरूप ऐसा है जिसमें केन्द्र और राज्य सरकार के विभिन्न टैक्सों को एक में मिला दिया गया है, ऐसे में इस पोर्टल को विशेष सिक्योरिटी फीचर से लैस किया गया है। इस बारे में नेटवर्क के चेयरमैन नवीन कुमार ने कहा कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स के क्रियान्वयन के लिए इसे इंटीग्रेड करना जरूरी है। ताकि एक समान फार्मेट और इंटरफेस के माध्यम से उपयोगी आईटी नेटवर्क स्थापित हो सके। उन्होंने बताया कि यह एक कॉमन पोर्टल होगा। गुड्स एंड सर्विस टैक्स जमा करने के लिए पेमेंट के कई मोड हैं।

80 लाख लोग करेंगे रजिस्ट्रेशन

वर्तमान में देशभर में 80 लाख लोग टैक्स पेयर्स हैं जो इस जीएसटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करेंगे। उन्हें एक प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। जानकारी हो कि 8 अक्टूबर, ख्0क्म् को यह पोर्टल लांच किया गया था। अब देशभर के लोग इस पोर्टल पर अपना अकाउंट क्रिएट कर रहे हैं।

आसान होगा मिलान करना

एक अप्रैल, ख्0क्7 से जीएसटी लागू होने से केन्द्र और राज्य के गुड्स एंड सर्विस टैक्स अधिकारियों के समक्ष अलग-अलग रिटर्न जमा करने की जरूरत खत्म हो जाएगी। इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावों की जांच गुड्स एंड सर्विस टैक्स का एक मुख्य स्तंभ है। इसके लिए बिजनेस टू बिजनेस इनवाइसों के आंकड़ों को अपलोड करना और मिलान करना होगा। गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क इसमें अहम भूमिका अदा करेगा।

जीएसटी नंबर क्भ् अंकों का होगा

जीएसटी नंबर क्भ् डिजिट का होगा, इसमें पहला दो डिजिट स्टेट कोड होगा जबकि तेरहवां डिजिट पैन नंबर को दर्शाएगा। जीएसटी नेटवर्क के चेयरमैन ने बताया कि जो पहले से टैक्स पे कर रहे हैं, उन्हे फ्रेश रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है। पोर्टल पर टैक्स पेयर रजिस्ट्रेशन कराएंगे, रिटर्न भरेंगे और बैंकों के जरिए चालान भी तैयार किया जाएगा।