पटना (ब्यूरो)।नौकरी के नाम पर ठगी करने का धंधा लोगों को बर्बाद कर रहा है। लोगों को जॉब का सपना दिखाकर यह काम बखूबी किया जाता है। साइबर ठगी के बहाने लोगों को शिकार बनाने का सिलसिला बढ़ ही रहा है। क्योंकि पीडि़त इसके खिलाफ एकजुट होकर आवाज नहीं उठा रहे हैं। इसी का फायदा उठाते हुए ठगी जारी है। पब्लिक प्लेस पर पम्पलेट के माध्यम से विज्ञापन देना और ई-मेल और मैसेज के माध्यम से जॉब की डिटेल शेयर कर पीडि़त को अपने जाल में फंसा लेते हैं। यही वजह है कि पीडि़त निश्चित होकर पेमेंट भी कर देते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस मामले की जांच-पड़ताल की।

हजारों रुपए वसूले

नौकरी देने का वादा करने वाला हर स्टेप पर ऐसे चाल चलते हैं जिससे कोई भी बड़ी आसानी से ठग के चंगुल में फंस जाते हैं। छपरा की रहने वाली सीमा कुमारी (बदला हुआ नाम) को पटना एयरपोर्ट पर फ्लाइट अटेंडेंट के नाम पर ठग ने अपने अकाउंट में 26 हजार रुपए मंगवा लिया। शुरुआत में फार्म भरने के नाम पर एक हजार रुपये, शार्टलिस्टिंग कर डॉक्यूमेंट में कमी बताते हुए बीस हजार रुपए और सिक्योरिटी मनी के नाम पर पांच हजार रुपये मंगाए। इसी प्रकार, छपरा की रहने वाली मोना कुमारी (बदला हुआ नाम) और वेस्ट चंपारण के राजीव कुमार से भी पैसे मंगवाए गए।

हर दिन दर्जनों से ठगी

रोज पटना एयरपोर्ट पर करीब 10 से 15 लोग आते हैं, ज्वॉइनिंग लेटर लेकर। लेकिन ठगी का खुलासा होते ही उनके पैरों तली जमीन खिसक जाती है। क्योंकि ठन उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद कर चुके होते हैं। एयरपोर्ट पर कार्यरत कर्मी भी हैरान हैं। लेकिन मामला दर्ज नही होने से संज्ञान लेना कठिन होता है।

केवल ऑथारिटी से बहाली

इसे लेकर डीजे आई नेक्स्ट की टीम ने एयरपोर्ट आथॉरिटी से बातचीत की। पटना एयरपोर्ट निदेशक बीसीएच नेगी मौजूद नहीं थे। एक अन्य वरीय पदाधिकारी ने बताया कि किसी एजेंसी के माध्यम से एयरपोर्ट आथॉरिटी बहाली नहीं निकालताीहै। बल्कि ऑथारिटी सीधे बहाली करती है।

फर्जी आईडी थमा दिया

ठग ने बड़े ही शातिर तरीके से एयरपोर्ट पर जॉब के लिए ठगता चला गया। इस काम में किसी को शक न हो इसके लिए सभी को ठग ने अपना आईडी कार्ड भी कैंडिडेट के व्हाट्स अप पर भेजा। इससे लोगों को विश्वास हो गया। इसके बाद वादे के मुताबिक सभी डॉक्यूमेंट वर्क पूरा होने के बाद नौकरी पाने वाले चयनित लोगों को आईडी व्हाट्स अप पर भेज दिया गया। जिसमें बार कोड और सभी कैंडिडेट की फोटो भी लगी थी। सिर्फ यही नहीं, स्कैन कोड भी लगा था। लेकिन यह सब गलत तब साबित हो गया जब पटना एयरपोर्ट पर हाथ में ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंचे इन सभी को बताया गया कि यहां ऐसी कोई वैकेंसी ही नहीं निकाली गई थी।

ऐसे बनाता था शिकार

छपरा की सीमा कुमारी, मोना कुमारी, वेस्ट चंपारण का राजीव कुमार और इनके जैसे सैकड़ों लोगों को ठग ने अपने झांसे में लेकर उनसे पैसे वसूली की। ठग के शिकार पीडि़तों ने बताया कि पहले उनसे फोन पर वह संपर्क करता था। इस दौरान ठग खुद को एयरपोर्ट का अधिकारी बताता था और लोगों का विश्वास जीतने के लिए अपना फोटो आईडी भेजता था। इसके बाद फार्म भरवाने के नाम पर एक हजार रुपये अपने एकाउंट में मंगवाता था। फिर अपने किसी साथी से सीनियर अधिकारी बताकर उनका टेलीफोनिक इंटरव्यू कराया जाता था। इसके एक हफ्ते बाद फोन कर बताया जाता था कि आपका सलेक्शन हो गया है। लेकिन उसी दौरान यह भी बताया जाता था कि आपके डाक्यूमेंट में कुछ कमी है इसलिए 20 हजार रुपये जमा करा दें। फिर नौकरी पक्की है।