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क्कन्ञ्जहृन् (28 रूड्ड4): सीएम नीतीश कुमार ने डॉक्टरों और इंजीनियरों की नियुक्ति से लिाित परीक्षा को आउट कर दिया है। अब सिर्फ सर्टिफिकेट देाकर ही तकनीकी सेवा भर्ती आयोग उन्हें तैनाती दे देगा। इस बड़े फैसले के बाद अब कहीं ाुशी तो कहीं डर का माहौल है। प्राइवेट कॉलेजों के मेडिकल और इंजीनियरिंग स्टूडेंटस की जहां चांदी होगी वहीं सरकारी कॉलेजों के स्टूडेंटस मेरिट में मार ा जाएंगे। सरकार के इस फैसले पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट नेक्स्ट ने पड़ताल की और एक पैनल बनाकर एक्सपर्ट की राय जानी तो कई तरह के सवाल सामने आ गए हैं।

अभी ऐसे बनते हैं सरकारी डॉक्टर

डॉक्टरों की दो तरह से नियुक्ति होती है। एक कांट्रैक्ट पर और दूसरी स्थाई।

स्थाई डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए बीपीएससी परीक्षा कंडक्ट कराती है और इसे पास करने वालों की ही नियुक्ति होती है जबकि कांट्रैक्ट के लिए केवल इंटरव्यू से ही कम चल जाता है।

इस पूरी प्रक्रिया में 3 साल से अधिक लग जाते हैं।