- हेराफेरी को लेकर सर्वाेच्च न्यायालय में दायर की गई थी याचिका

- इंजीनिय¨रग व निजी मेडिकल कॉलेजों में हेराफेरी पर कसा शिकंजा

- सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देश पर नामांकन पर्यवेक्षण समिति गठित

PATNA : मेडिकल,इंजीनिय¨रग के लिए प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन को लेकर हो चल रही हेराफेरी पर राज्य सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके लिए बिहार गवर्नमेंट ने स्वच्छ एवं पारदर्शी नामांकन सुनिश्चित करने के लिए नामांकन पर्यवेक्षण समिति का गठन किया है। इसके लिए नौ पद सृजित करने की अधिसूचना सोमवार का जारी कर दी गई। पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अमरेश कुमार लाल समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। समिति के शेष आठ सदस्य संविदा के आधार पर बहाल किए जाएंगे।

ये था मामला

प्राइवेट चिकित्सा, इंजीनियरिंग, दंत एवं तकनीकी कॉलेजों पर सरकार के दिशानिर्देश को ताक पर रखकर दाखिला लेने का आरोप लगते रहते हैं। इसके खिलाफ सर्वाेच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। ख्0 अगस्त ख्00भ् को मामले की सुनवाई करते हुए सर्वाेच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को दाखिले में धांधली पर अंकुश लगाने को उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक नामांकन पर्यवेक्षण समिति गठित करने का निर्देश दिया। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा भ् जनवरी ख्0क्म् को सेवानिवृत्त न्यायाधीश अमरेश कुमार लाल को समिति का अध्यक्ष नामित किया गया। साथ ही समिति के शेष आठ पद सृजित करने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन को भेज दिया गया।