-सीएम नीतीश कुमार ने कहा, अपनी खादी नीति लाएगा बिहार

क्कन्ञ्जहृन्: सीएम नीतीश कुमार ने सरकारी अफसरों और कर्मियों से हफ्ते में कम से कम एक-दो दिन खादी जरूर पहनने की अपील की। राजधानी स्थित ज्ञान भवन में गुरुवार को राष्ट्रीय खादी-शिल्प महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर सीएम ने यह बातें कही। साथ ही सीएम ने कहा कि बिहार सरकार अपनी खादी नीति लाएगी। इसके तहत बहुत सी बातों का प्रावधान किया जा रहा है। आधुनिक लूम के लिए 90 परसेंट तक अनुदान और खादी संस्थानों को इस नीति के तहत 4 परसेंट तक के अनुदान का प्रावधान होगा। उत्पादन लागत का 20 परसेंट अनुदान मिलेगा। इतना ही नहीं खादी संस्थाओं को जमीन के निबंधन पर निबंधन और स्टांप शुल्क की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी। सीएम ने कहा कि खादी से जुड़ी संस्थाओं का विकास होना चाहिए। इस काम मे लगे लोगों की आमदनी इतनी होनी चाहिए कि उन्हें संतोष हो। खादी के लिए जो भी योजनाएं बन रही हैं उस पर खादी से जुड़ी संस्थाओं से विमर्श होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खादी के विकास के लिए हमलोगों की प्रतिबद्धता है। जितने पैसे की जरूरत होगी वह राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी।

खादी की अहमियत न भूलें

सीएम ने कहा कि खादी की जो अहमियत है उसे नहीं भूलना चाहिए। उन्हें तो छात्र जीवन से ही खादी के प्रति आकर्षण हो गया था। इसका आजादी से रिश्ता है। इस अवसर पर सीएम ने त्रिपुरारी मॉडल चरखे की विशेष रूप से चर्चा की। इस वर्ष दो हजार त्रिपुरारी मॉडल चरखे बांटे जा रहे हैं। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि खादी वस्त्र नहीं आंदोलन है। खादी बोर्ड को इसे भी देखना चाहिए कि खादी की बड़ी परिसंपत्तियों पर अवैध क?जा हो रहा है। उन पर भू माफिया की कुदृष्टि है। गांधीवादी चिंतक डॉ रजी अहमद ने कहा कि गांधी मैदान में एक टेंट से शुरू हुआ यहां के खादी का सफर आज बड़े मुकाम पर पहुंच चुका है। भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी भी इस मौके पर मौजूद थे। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि खादी के लिए बिहार में काफी काम हो रहा है। चर्खा वितरण के साथ-साथ सूत कातने वालों के लिए योजनाएं हैं। निफ्ट के माध्यम से खादी वस्त्रों की डिजायन तैयार करायी गयी है। जल्द ही ऐसे नए 50 वस्त्र उतारे जाएंगे। इसी वर्ष खादी का आधुनिक शो रूम का काम भी पूरा हो जाएगा। काफी संख्या में अफसर मौजूद थे।