PATNA: कई बार आप तत्काल टिकट बनाने बैठते हैं तो पहले तो कुछ देर के लिए आईआरसीटीसी की साइट ही नहीं खुलती और सर्वर एरर या दूसरी समस्या बताया जाता है। लेकिन कुछ ही देर बाद साइट के खुलने पर ट्रेनों की सारी सीटें फुल हो जाती हैं। ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर पूरे टिकट कैसे बुक हो गए। इसका खुलासा आरपीएफ की एक टीम ने जक्कनपुर के बंगाली टोला में छापेमारी करके गिरोह का भंडाफोड़ करके किया। जिसमें आईआरसीटीसी की साइट को कुछ देर के लिए हाईजैक करते हुए ट्रेनों के सैकड़ों टिकट निकालकर उसे ब्लैक में बेचा जाता था। आरपीएफ ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया। आरपीएफ ने शातिर अविनाश कुमार चौधरी को गिरफ्तार किया। उसके पास से रेलवे के 22 ई-टिकट भी बरामद किए गए। उसके खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 143 के तहत केस दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया।

सॉफ्टवेयर से हैक करते थे साइट

आईआरसीटीसी की रफ्तार पर रेड मिर्ची नामक सॉफ्टवेयर भारी पड़ रहा था। आरोपी कुछ देर के लिए आईआरसीटीसी की साइट को हैक कर सर्वर को जाम कर देते थे। इस दौरान साफ्टवेयर से कुछ ही सेकेंड में सारा डाटा अपने कंप्यूटर पर ले लेते थे और देखते ही देखते हजारों टिकट बना लेते थे।

एजेंट दिलाते थे मुंहमांगी कीमत

आरोपी कई एजेंटों से अपनी सांठगांठ रखते थे। ये एजेंट यात्रा के जरूरतमंद और आपातकालीन स्थिति में यात्रियों से मुंहमांगा दाम दिलाते थे। ऑनलाइन माध्यम से ही यात्रियों को टिकट भेज देते थे और हजारों, लाखों रुपए की काली कमाई करते थे।