PATNA: प्रकाश पर्व पर उमड़ता श्रद्धा का सैलाब और हजारों मील दूर से गांधी मैदान आए लाखों संगतों का परम ध्येय केवल तीर्थ करना है। यही वजह है कि गांधी मैदान के व्यापारिक प्रतिष्ठान के मालिकान में इसे लेकर ज्यादा जोश नहीं है। जबकि आम दिनों और प्रकाश पर्व जैसे महापर्व के दौरान भी यही स्थान सबसे अधिक लोगों के प्रवेश वाला सेंटर है। यदि इसे नगर योजना की दृष्टि से भी देखें तो यह सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक (सीबीडी) कहा जा सकता है।

वाहनों का प्रवेश निषेध बनी परेशानी

एक ओर जहां टेंट सिटी में वाहनों का प्रवेश निषेध होने से दर्शनार्थ को आए श्रद्धालुओं को आसानी हो रही है। वहीं दूसरी ओर यह स्थानीय व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है। मोना सिनेमा के मैनेजर शरद गुप्ता ने कहा कि बीते साल की तुलना में इस साल का न्यू ईयर का बिजनेस कमजोर है। गांधी मैदान में वाहनों के रोक के कारण लोगों को यहां पहुंचने में असुविधा हो रही है।

दो-चार दिनों की बात है

यह बात जरूर है कि टेंट सिटी की व्यवस्था के बावजूद स्थानीय और बाहर से आये सिख श्रद्धालु खान -पान के लिए गांधी मैदान के आसपास विजिट कर हरे हैं। इसे देखते हुए कुछ लोगों ने ठेले आदि लगाए हैं, लेकिन इससे बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती है। सोडा फाउंटेन के ऑनर सबीर ने कहा कि बीते दो माह से बिजनेस घाटे में चल रहा था। अभी लोग आ रहे हैं। लेकिन यह कोई बड़ा बदलाव नहीं है। क्यों कि ये तो दो-चार दिनों की बात है। इधर, बुधवार को पटना सिटी स्थित मारूफगंज मंडी बंद रखी गई। यहां के व्यापारियों ने निर्णय लिया कि वे अपने बिजनेस प्रतिष्ठान बंद रखेंगे और कार सेवा करेंगे।

कोई हस्तक्षेप नहीं

बिहार चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल जो भी पंजाब से आ रहे हैं, वे सेवा भाव, धार्मिक संदेश के लिए आ रहे हैं। शहर में ये या तो राजनीतिक या फिर धार्मिक गुरू से मिल रहे है। चैम्बर इन सभी की भावनाओं का सम्मान करता है। इसमें चैम्बर खुद से कोई निर्णय लेने के पक्ष में नहीं है।

जहां तक बिजनेस की बात है, अभी तक पंजाब से किसी व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ने सरकार या औधोगिक समूह को अप्रोच नहीं किया है। यदि चैम्बर के सामने प्रस्ताव आता है, तो इसपर विचार किया जाएगा।

- पीके अग्रवाल, अध्यक्ष बिहार चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज