-पटना हाईकोर्ट के फैसले से लाखों लोगों को मिली राहत PATNA : पटना हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए बालू और पत्थर उत्खनन से संबंधित नियमावली को लागू करने से पहले ही रोक लगा दी है। इससे राज्य सरकार को झटका लगा है। नियमावली में जीपीएस युक्त वाहनों से ढुलाई का मुद्दा भी शामिल है। सोमवार को एचसी के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस डॉ.अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि जनता की परेशानी का आकलन किए बिना सरकार ने नई नियमावली लागू कर दी है। याचिका पुष्पा सिंह और अन्य ने दायर की थी। सुनवाई के लिए शीघ्र ही तिथि तय की जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश से लघु खनिज उत्खनन करने वाले और इसके ट्रांसपो‌र्ट्स को बड़ी राहत मिली है। याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि बिहार सरकार द्वारा बालू-मिट्टी के अवैध खनन पर रोक लगाने के उद्देश्य से ख्0क्7 में नई नियमावली बनाई गई और हड़बड़ी में तैयार किया गया। नई नियमावली में प्रावधान है -बालू-पत्थर का उत्खनन करने वाले इसकी सीधी बिक्री नही कर सकेंगे -वे उत्खनित बालू, पत्थर या स्टोन चिप्स को बिहार राज्य खनिज विकास निगम को बेचेंगे -निगम द्वारा उत्खनित बालू, पत्थर या स्टोन चिप्स की खुदरा बिक्री ऐसे लोगों द्वारा की जाएगी जिन्हें राज्य सरकार लाइसेंस दिया गया है -उत्खनित बालू, पत्थर या स्टोन चिप्स की ढुलाई करने वाले वाहनों में जीपीएस अनिवार्य कर दिया गया है -बिना जीपीएस लगे वाहनों से लघु खनिज ढोते पकड़े जाने पर पांच लाख जुर्माना व पांच साल की सजा -माल ढुलाई के दौरान रास्ते में ट्रक खराब होने पर उसे दूसरे वाहन पर नहीं लादा जा सकेगा। यह है मामला राज्य सरकार ने क् दिसम्बर से नई नियमावली को प्रभावी करने का निर्देश दे रखा है। इसके पहले ही हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी है।