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PATNA: बिहार - झारखंड का एकमात्र सरकारी आर्ट कॉलेज के प्रति सरकार का मोह भंग हो गया है। कॉलेज से जुड़ी कई घटनाएं ऐतिहासिक है और यहां के छात्रों ने राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बनायी है। लेकिन आज सब कुछ छात्र बनाम प्रिंसिपल एवं यूनिवर्सिटी हो गया है। आगामी ख्भ् जनवरी को पटना के विद्यापति मार्ग स्थित कला एंव शिल्प महाविद्यालय का 78वां स्थापना दिवस है। लेकिन यह पहला मौका है, जब बिना किसी सरकारी बजट के इसे मनाया जाएगा। इसकी कमान छात्रों ने सामूहिक तौर पर बीड़ा उठाया है। वहीं, दूसरी ओर इस मामले को लेकर छात्रों में रोष का वातावरण व्याप्त है।

नौ माह से बैठकर ले रहे हैं वेतन

बीते वर्ष कॉलेज में छात्र आंदोलन के बाद से कॉलेज में बीते नौ माह से प्रिंसिपल नहीं आ रहे हैं। वे वीसी प्रो। वाईसी सिम्हाद्रि की भांति ही घर से ऑफिस चला रहे हैं। छात्रों का कहना है कि उन्हें कॉलेज से कोई मतलब नहीं है। आलम यह है कि बीते दस दिनों से कॉलेज के तीन स्टॉफ उनके घर पर ही हाजिरी लगा रहा है।

दु: खी हैं सभी सीनियर छात्र

कालेज के सीनियर स्टूडेंट्स इस बात को लेकर दु:खी हैं कि उनकी पढ़ाई का अंतिम वर्ष है और इस प्रकार का नकारात्मक रवैया है। सभी सीनियर स्टूडेंट्स ने मांग किया था कि फाउंडेशन डे के लिए बजट दिया जाए या कॉलेज खुद खर्च करे। इसके लिए सीनियर छात्रों का एक प्रतिधिमंडल ने पत्र लिखकर इस बात को रखा। लेकिन न तो यहां के प्रिंसिपल चंद्रभूषण श्रीवास्तव ने इस मांग को स्वीकारा या अग्रसारित किया। इसी प्रकार, पटना यूनिवर्सिटी ने भी कोई फंड नहीं देने का फैसला किया। जब फाउंडेशन डे में मात्र एक पखवाड़ा बचा था तब तक कुछ भी नहीं हुआ था।

जमा पूंजी से सजा रहे कैंपस को

एक ओर कालेज में प्रशासन का नकारात्मक रवैया और दूसरी ओर छात्रों का अपने बूते फाउंडेशन डे मनाने की तैयारी। यह घटना पहली बार है। कॉलेज के सीनियर छात्र सुनील बिंदास ने बताया कि पहले कम से कम दो लाख का बजट मिलता था। योजनाबद्ध तरीके से काम होता था। लेकिन इस बार कालेज या यूनिवर्सिटी ने एक पाई भी खर्च नहीं करने का फरमान सुनाया है। छात्रों का जमा पूंजी ब्0 हजार रूपया था, उसी को यूटिलाइज किया जा रहा है।

पूर्ववर्ती छात्रों को खुला निमंत्रण

समारोह के बारे में जानकारी देते हुए सीनियर छात्र नितेश ने बताया कि पूर्ववर्ती छात्रों को इस समारोह में खुला निमंत्रण दिया गया है। वे यहां जितनी संख्या में आना चाहें, वे आ सकते हैं। इस समारोह में किसी नेता या यूनिवर्सिटी के अधिकारी को नहीं बुलाया गया है। इस दौरान वर्क एक्जीबिशन, इंस्टालेशन और परफारर्मिग आर्ट बनाया जाएगा। कार्यक्रम करीब चार- पांच घंटे का होगा।

कोट

न तो कॉलेज और न ही यूनिवर्सिटी को इस फाउंडेशन डे की परवाह है। ऐसे में आखिर कैसी तैयारी होगी।

- नितेश

- फाउंडेशन डे की तैयारी पूरी तरह से छात्र अपने स्तर पर कर रहे हैं। यहंा के शिक्षक को भी खाली हाथ लौटा दिया गया है।

- रामा कांत

हमलोगों का फाइनल ईयर है। दु: ख की बात है कि कॉलेज में प्रशासन नाम की चीज नहीं है।

- चंदन

बिना बजट के ही समारोह होगा। जो भी तैयारी हो रही है वह छात्र कर रहे हैं। प्रिंसिपल को कालेज से कोई मतलब नहीं है।

- सुनील बिंदास