PATNA : राजधानी के ब् स्टार होटल गार्गी ग्रांड के मालिक रमेश कुमार सिंह को पटना पुलिस ने उनके बॉडी गार्ड सरोज कुमार सिंह के साथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बॉडी गार्ड पिछले म् सालों से पुलिस की वर्दी पहन कर घूम रहा था। जहां भी जाता, सामने वाले लोग उसे पुलिस वाला ही समझते थे। खाकी वर्दी पहनने के साथ ही वो पुलिस वालों की तरह टोपी, बेल्ट, जूता पहनता था। साथ ही कमर के पास असली पुलिस वालों की तरह रिवॉल्वर भी खोसे रखता था। सरोज और उसके मालिक रमेश ने कभी सपने में भी नहीं सोंचा होगा कि उनके इस कारनामे की सच्चाई इस तरह पब्लिक के सामने आएगी। रमेश जहां भी जाते थे, उनका बॉडी गार्ड पुलिस की ड्रेस में उनके साथ साये की तरह मौजूद रहता था।

- पुलिस ने नहीं दिया था बॉडी गार्ड

देखने वाले लोगों को यही लगता था कि होटल के मालिक को पुलिस ने उनकी सिक्योरिटी के लिए बॉडी गार्ड दिया होगा। लेकिन ऐसा कतई नहीं था। पटना पुलिस हो या फिर किसी दूसरे जिले की पुलिस। किसी की ओर से भी होटल मालिक रमेश को सिक्योरिटी के लिए बॉडी गार्ड मुहैया नहीं कराया गया था। डीएसपी लॉ एंड ऑडर डा। मो। शिब्ली नोमानी की जांच में ये बात सामने आई है। मामला सामने आने के शुरूआती दौर में पटना पुलिस को लगा था कि किसी दूसरे जिले से बॉडी गार्ड मुहैया कराया गया हो। लेकिन जांच के बाद असलियत सामने आ गई।

- जम्मू का लाइसेंस, कानपुर का रिवॉल्वर

दोनो को गिरफ्तार करने के बाद डीएसपी लॉ एंड ऑडर और कोतवाली थाने के एसएचओ अविनाश कुमार आगे की जांच में जुट गए। फर्जी बॉडीगार्ड के पास से प्वाइंट फ्ख् बोर की एक रिवॉल्वर और ख्ब् गोली बरामद किया गया। जांच में पता चला कि रिवॉल्वर कानपुर की है। जिसे छपरा के प्रताप गन हाउस से खरीदा गया था। वो भी फर्जी लाईसेंस पर। जिसे श्रीनगर के राठौड़ गन हाउस से बनवाया गया है।

- मामले का मिलेट्री कनेक्शन

शुरूआती जांच में ये बात सामने आई है कि मुजफ्फरपुर के साहेबगंज का रहने वाला फर्जी बॉडी गार्ड सरोज कुमार सिंह मिलेट्री का भगोड़ा है। वो सिग्नल मैन के रूप में काम करता था। खुद को मिलेट्री मैन बताकर ही उसने आ‌र्म्स लाइसेंस बनवाया था, वो भी पटना में बैठे-बैठे। शुरूआती पूछताछ में उसने खुद इस बात को कबूला भी था। लेकिन जब एसएसपी मनु महाराज ने पूछताछ की तो इन बातों से वो मुकर गया। अब आगे की जांच में ही साफ हो पाएगा कि सरोज का मिलेट्री कनेक्शन था या नहीं? या फिर उसने फर्जी तरीके से आ‌र्म्स लाइसेंस बनवा लिया।

- साहब ही बनवाते थे ड्रेस

साल ख्009 में सरोज होटल मालिक रमेश के कांटैक्ट में आया। जिसके बाद रमेश ने फर्जी तरीके से उसे अपना बॉडी गार्ड बना लिया। फिर उसके लिए पुलिस की वर्दी सिलवाई। रिवाल्वर, गोली, टोपी, पुलिस के जुते व बेल्ट खरीदे। इसके बाद दिखने में असली पर नकली बॉडी गार्ड को लेकर होटल का मालिक घूमने लगा। होटल के मैनेजर से लेकर स्टाफ और फैमिली मेंबर्स तक को इस बात की भनक नहीं थी कि रमेश के साथ घूमने वाला बॉडी गार्ड पुलिस का नहीं है, बल्कि फर्जी है। पूछताछ के दौरान सरोज ने बताया कि मालिक ने ही पुलिस के ड्रेस से लेकर सारे इंतजाम किए थे।

- अब बताते हैं कि कैसे हुआ पूरा खुलासा

ख्ख् नवंबर को होटल गार्गी ग्रैंड के मैनेजर रितेश कुमार सिंह स्टेट टूरिज्म कॉरपोरेशन के ऑफिस गए थे। जहां औरंगाबाद के एक होटल के लिए क्0 साल की लीज का टेंडर होना था। उस दौरान रितेश के साथ होटल मालिक का फर्जी बॉडी गार्ड सरोज कुमार सिंह भी था। टेंडर को लेकर कौटिल्या विहार रेस्टोरेंट के मालिक सुनील कुमार सिन्हा ने रितेश को टेंडर भरने से मना किया था और जान से मारने की धमकी भी दी थी। जिस पर रितेश ने कोतवाली थाने में कंप्लेन की और सुनील को पुलिस ने जांच के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सुनील के मैनेजर रत्‍‌नेश कुमार ने एक कंप्लेन की। जिसमें उसने रितेश के साथ आए पुलिस के बाडी गार्ड पर धमकी देने और मारपीट करने का आरोप लगाया। यहां पर डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर को थोड़ा शक हुआ। फिर यहीं से मामले की जांच शुरू हुई और फिर सच्चाई सामने आ गई।

- सिटी एसपी रख रहे हैं नजर

जिन लोगों को पुलिस की ओर से बॉडी गार्ड मुहैया कराया गया है, उसकी एक लिस्ट पुलिस के पास होती है। अब पुलिस की नजर वैसे लोगों पर है जो राजधानी में फर्जी तरीके से बॉडी गार्ड लेकर चल रहे हैं। सिटी एसपी सेंट्रल चंदन कुशवाहा खुद इस मामले पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने साफ कर दिया कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों के गार्ड और उनके आ‌र्म्स की भी जांच होगी। साथ ही पुलिस से मिलता-जुलता ड्रेस पहनने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

मामले की जांच के लिए एक टीम श्रीनगर तो दूसरी टीम छपरा जाएगी। सरोज का कनेक्शन आर्मी से है या नहीं, इसे भी खंगाला जा रहा है।

मनु महाराज

एसएसपी, पटना