बिहार म्यूजियम में नेचुरल कलर और कूची से मिथिला पेंटिंग बनाना सिखाया जाएगा। बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और आसरा सेवा केन्द्र के सहयोग से बिहार म्यूजियम में शनिवार से ट्रेडिशनल मिथिला पेंटिंग वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्कशॉप में ट्रेनिंग देने के लिए पद्मश्री बौआ देवी, पद्मश्री दुलारी देवी, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मोती कर्ण और नेपाल की कलाकार रागिनी उपाध्याय मौजूद रहेंगी।

बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि बिहार की प्रसिद्ध मिथिला चित्रकला को बनाने के लिए पहले के जमाने में लोग प्राकृतिक रंग का इस्तेमाल करते थे। उस जमाने में पेंटिंग करने के लिए बांस की कुची का इस्तेमाल होता था। इस वर्कशॉप का उद्देश्य मिथिला पेंटिंग को बनाने का जो असल तरीका है, उसे फिर से वापस लाने का है, ताकि पुरानी शैली बची रहे।


वहीं बिहार म्यूजियम के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रकृति रंगों से जो पेंटिंग बनती है, उसकी एक अलग सुंदरता और आकर्षण होता है। कई विदेशी जब भारत घूमने आते हैं तो नेचुरल कलर की डिमांड करते हैं। इस वर्कशॉप का आयोजन 23 से 28 दिसंबर, 2023 होगा। इसमें मिथिला (मधुबनी) पेंटिंग के 60 से अधिक प्रतिभागियों को प्राकृतिक रंगों का निर्माण और प्रयोग करना सिखाया जाएगा।