- एनएमसीएच की डॉक्टर के संपर्क में आए लोगों की नहीं हुई कांटेक्ट ट्रेसिंग

- पूरे बिहार में सबसे ज्यादा एक्टिव मामले पटना में

PATNA :

एक ओर लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर इससे बचाव के लिए बने कोविड-19 नियमों की अनदेखी की जा रही है। हालात ये हैं कि चार दिनों के बाद भी एनएमसीएच की जो महिला डॉक्टर संक्रमित हुई थी, उनके आवास के बाहर माइक्रो कंटेनमेंट जोन की मार्किंग नहीं की गई है। इसके साथ ही, पटना सिटी के जिस क्लीनिक में उनका नर्सिग होम है, वहां पर तीन-चार दिनों में आए पेशेंट की कांट्रेक्ट ट्रेसिंग नहीं की गई। उनके परिवार वालों के संबंध में भी विभाग कोई जानकारी नहीं दे रहा है। वहीं इनके अलावा शिशु रोग विभाग से ही इनके बाद दो नर्स भी पॉजिटिव पाई गई हैं।

और नहीं मिले नए पॉजिटिव

एनएमसीएच में शुक्रवार को डॉक्टरों, नर्स और अन्य स्टाफ में किसी और के कोरोना संक्रमित होने की खबर नहीं है। इसकी पुष्टि मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ विनोद कुमार सिंह ने की। उन्होंने बताया कि पीडियाट्रिक विभाग के सभी लोगों की आरटीपीसीआर जांच की गई है। जांच रिपोर्ट में किसी के पॉजिटिव आने की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि यदि शनिवार को भी स्थिति सामान्य रहे तो पीडियाट्रिक वार्ड खोला जा सकता है। उन्होंने बताया कि पहले से जो पॉजिटिव पेशेंट है, वे सभी होम आइसोलेशन में हैं।

जांच के लिए मंगाई मशीन

एनएमसीएच में एक ओर कोरोना की जांच का दबाव है और दूसरी ओर यहां जांच के लिए मशीन ही खराब हो गई है। लगभग चार हजार कोरोना सैंपल की जांच दूसरे जांच सेंटरों को भेजी गई है। इसके साथ ही 96 वेल वाली मशीन पीएमसीएच से मंगाई जा रही है। यह शनिवार को एनएमसीएच में पहुंचा दिया जाएगा।

बंदी से नहीं पहुंची टीम

शुक्रवार को भारत बंद की वजह से सिटी के दो इलाकों जहां माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाना था, वहां सिविल सर्जन की टीम नहीं पहुंच सकी। इस वजह से यहां एहतियातन माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने का काम नहीं हो पाया।

चार दिनों से लापरवाही

जानकारी हो कि एनएमसीएच में जो महिला डॉक्टर सबसे पहले संक्रमित हुई थी, उनका घर सिटी के ही एक इलाके में हैं। लेकिन उनके पॉजिटिव होने के चार दिनों बार शुक्रवार की शाम तक उनके आवास क्षेत्र को माइक्रो कंटेनमेंट जोन के तौर पर मार्क नहीं किया गया। इस संबंध में जिला प्रशासन और सिविल सर्जन की टीम ने कोई कदम नहीं उठाया। हां, इसे कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए बुधवार को लिस्टिंग जरूर की गई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए इसमें कांटेक्ट ट्रेसिंग की जानी चाहिए। साथ ही कोविड-19 के नियमों का पूरा अनुपालन किया जाना चाहिए। इस संबंध में एनएमसीएच के सुपरीटेंडेंट से भी बात की गई है।

- मुकेश रंजन, एसडीओ, सिटी

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पटना में अब तक 22 कंटेनमेंट जोन बनाए गए है। इसमें से दो पटना सिटी के एरिया भी शामिल हैं। हालांकि सिटी के इलाके में बंदी की वजह से टीम वहां नहीं पहुंच पाई। छूट गए कंटेनमेंट जोन की मार्किंग कल होगी।

- डॉ विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना

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