PATNA : आयुर्वेद हर देश काल में प्रासंगिक रहा है और इसकी उपयोगिता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि विभिन्न पैथी के बीच इसकी उपयोगिता और प्रभाव के बारे में जागरूक करना। इसी मकसद के साथ कदमकुआं स्थित राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के सभागार में सातवें व‌र्ल्ड आयुर्वेदिक कांग्रेस के सेटेलाइट सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन पीएचईडी मिनिस्टर कृष्णनंदन वर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि बिहार में आयुष एवं आयुर्वेद के विकास के लिए स्वतंत्र मंत्रालय की आवश्यकता है। इसके पश्चात ही आयुर्वेद का विकास समुचित तरीके से होगा। उन्होंने कहा कि इस बात को सीएम नीतीश कुमार तक पहुंचाएंगे।

प्रकृति से दूर होने का खामियाजा

इस अवसर पर सेमिनार में सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि ज्यों-ज्यों हमलोग प्रकृति से दूर हो रहे हैं, रोग बढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में वैज्ञानिक शोध की जरूरत है। उन्होंने ऐसे सेमिनार की प्रशंसा करते हुए आज के समय में इसे बहुत ही उपयोगी बताया। अतिथियों का स्वागत कालेज के प्रिंसिपल डॉ वीएस दूबे ने किया।

अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस कोलकाता के साइंस सिटी में

इस अवसर पर वैज्ञानिक सत्र में मेंदाता हास्पिटल में आयुर्वेद विभाग के हेड डॉ गीता कृष्णन एवं सर गंगाराम हास्पिटल की डाक्टर प्रीति छाबड़ा ने वैज्ञानिक शोध पत्र प्रस्तुत किया। इस अवसर पर आयुर्वेद कांगे्रस के क्षेत्रीय निदेशक डॉ रमण रंजन ने कहा कि कोलकाता के साइंस सिटी में आगामी एक से चार दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित होगा। इसमें विश्व के ब्भ् देशों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।