पटना (ब्यूरो)। बिहार से नेपाल जाने वाले पैसेंजर्स के लिए खुशखबरी है। क्योंकि जल्द ही बिहार से नेपाल के बीच ट्रेन दौड़ती नजर आएगी। ये ट्रेन जयनगर से बर्दीबास स्टेशन तक जाएगी। फस्र्ट फेज में जयनगर कुर्था स्टेशन के बीच ट्रेन चलाई जाएगी। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि बिहार से नेपाल तक रेलवे परिचालन की लगभग तैयारी पूरी हो चुकी है। फस्र्ट फेज में 34.5 किलोमीटर लंबी भारत-नपाल रेल सेवाएं लोगों के लिए बहाल होने की संभावना है। रेलवे की ब्रांच इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को जयनगर से कुर्था, कुर्था से बिजिलपुरा और बिजिलपुरा से बर्दीबास तक 3 फेज में इस काम को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो 68 किलोमीटर के हिस्से को कवर करती है। इस सेवा को शुरू होने से नेपाल जाना और भारत आना और आसान हो जाएगा। क्योंकि भारत के कई लोगों के संबंधी नेपाल में रह रहे हैं।


7 साल बाद शुरू होगा परिचालन
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि जयनगर से कुर्था तक रेलवे परियोजना का काम पहले ही पूरा कर लिया गया है। वर्ष 2020 में ही ट्रेन चलाने की संभावना थी। ट्रेन का परिचालन करने के लिए कोंकण रेलवे ने सितंबर, 2020 में 10 डेमू कोच नेपाल सरकार को सौंपा था। मगर तकनीकी कारणों के चलते ट्रेन परिचालन नहीं हो पाया। कोच के देखरेख के लिए नेपाल सरकार ने कोंकण रेलवे को जिम्मेदारी दी है। बताते चलें कि जयनगर जनकपुर धाम तक वर्ष 2014 तक ट्रेन का परिचालन हुआ था। उसके बाद बड़ी लाइन में परिवर्तन के लिए ट्रेन सेवा को पूरी तरह से बंद कर दी गई। रेलवे के अधिकारियों ने बताय कि जयनगर-कुर्था के बीच जनवरी, 2022 में ट्रेन परिचालन शुरू हो जाएगा।

परिचालन के लिए आ चुका है रैक
ईसीआर के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि जयनगर कुर्था के बीच ट्रेन परिचालन के लिए 3 रैक आ चुका है। औपचारिक घोषणा होने के बाद ट्रेन परिचालन शुरू हो जाएगा। यात्रियों की आवश्यकता पूर्ण करने के उद्देश्य से जयनगर और कुर्था के बीच दोनों दिशाओं में अप और डाउन के पांच डिब्बों की भार संरचना वाली डेमू यात्री ट्रेने चलाई जाएगी। दोनों स्टेशनों के बीच रेलवे सेवा की शुरुआत होने के बाद भारत और नेपाल दोनों के एक्सपर्टों की एक संयुक्त टीम ट्रैक फिटनेस का मुआयना करेगी और कुर्था-बिजिलपुरा मार्ग पर एक रैपिड परीक्षण करेगी।

जयनगर से कुर्था के बीच जनवरी में माह में ट्रेन चलाने की संभावना जताई जा रही है। जल्द ही डेट घोषित होगा। परिचालन के लिए रैक भी तैयार है।
- राजेश कुमार, सीपीआरओ, ईसीआर