PATNA: अपराध के बढ़ते ग्राफ पर अंकुश लगाने को लेकर पुलिस मुख्यालय ने नई गाइडलाइन जारी की है जिसमें थानेदारों को अपना नेटवर्क और एक्टिव करने के साथ सुरक्षा को लेकर अन्य कई प्रयोग किया जाना है। डीजीपी केएस द्विवेदी ने पुलिस अफसरों से अपराध के ग्राफ पर अंकुश लगाने के साथ पुलिस को अपना सूचना तंत्र एक्टिव कर अपराधियों पर पैनी नजर रखने को कहा है। इस गाइड लाइन के जारी होने के बाद थानों पर तैनात दारोगा इंस्पेक्टर और पुलिस के जवानों को खुफिया तौर पर पड़ताल करनी होगी।

नेटवर्किंग पड़ रही कमजोर

पुलिस की नेटवर्किंग कमजोर पड़ रही है अचानक से मर्डर और अन्य घटनाएं बढ़ गई हैं। पुलिस के आस पास घटनाएं हो रही हैं और थानों को सूचना तक नहीं मिल पा रही है। पटना में हाल ही में हुई कई घटनाओं में ऐसा ही हुआ है। पुलिस को भनक तक नहीं लगी और बात अधिकारियों तक पहुंच गई। अफसरों ने जब थानेदारों से पता किया तो पुलिस के नेटवर्किंग फेल हो गया।

सख्ती के बाद पटना जोन में पुलिस अलर्ट

पुलिस के लिए जो गाइड लाइन दी गई है उसमें अधिक से अधिक लोगों से जुड़कर पुलिस को काम करना है। पुलिस को पहले ऐसे अपराधियों के बारे में पता करना है कि फिर उनकी मुखबिरी कर उन्हें दबोचकर जेल भेजना है। पुलिस को गुप्तचर के रूप में भी काम करने को कहा गया है। पुलिस को क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक सूचना तंत्र खड़ा करना है और उनसे हमेशा क्षेत्र के हाल जानना है। पुलिस कर्मियों को ऐसे काम करने है जिससे क्षेत्र में शांति हो और अपराध के ग्राफ में कमी आए। पुलिस मुख्यालय की सख्ती के बाद पटना जोन में पुलिस का अलर्ट है। आईजी पटना नैय्यर हसनैन खां ने एसएसपी, एसपी और अन्य मातहत अफसरों को निर्देश दिया है कि थानेदारों और दारोगा के साथ पुलिस के जवानों की एरिया में पकड़ मजबूत की जाए। उन्होंने कहा है कि अगर पुलिस की फील्डिंग मजबूत होगी तो अपराध पर अंकुश लगेगा साथ ही साथ अपराधियों को जेल भेजा जा सकेगा।