अपने शहर में कई ऐसे जोड़े हैं

प्यार करने वाले चोरी-छुपे शादी तो कर लेते हैं, पर शादी के बाद उन्हें गार्जियन की बेरुखी सहनी पड़ती है। अपने शहर में भी कई ऐसे जोड़े हैं, जिन्होंने शादी तो कर ली, पर अब अपनों के डर से ही 'मारे-मारेÓ फिर रहे हैं। सीमा-आलोक, फौजिया-सचिन जैसी कई ऐसी जोडिय़ां हैं, जो अपने घरवालों और सोसायटी से अपने प्यार को अपनाने की गुजारिश कर रहे हैं।

दूर होने का का सवाल ही नहीं

अमित और प्रेरणा के बीच जब प्यार हुआ, तो पता नहीं था कि इस प्यार के बीच जाति आड़े आ जाएगी। ऐसे भी जब प्यार हो जाता है, तो कोई पीछे नहीं हटना चाहता। कितनी भी परेशानी आई अमित और प्रेरणा आगे बढ़ते गए। प्रेरणा ने बताया कि अमित उससे कई साल बड़ा है। एक दिन कुछ गुंडों से उसने मुझे बचाया। मेरे अंदर उसी दिन से उसके प्रति काफी इज्जत बढ़ गई। पहले दोस्ती और फिर वह दोस्ती प्यार में बदल गई। अमित की फैमिली वाले तैयार भी हो गए, लेकिन अमित के दूसरी जाति के होने के कारण मेरी फैमिली वाले तैयार नहीं हुए। पहले मुझसे मोबाइल छीन लिया गया, फिर कई महीनों तक नौबतपुर स्थित गांव में बंद करके रखा गया। फैमिली वाले काफी टॉर्चर किया करते थे।

डर से शुरू होती है हर सुबह

प्यार हुआ और शादी भी हो गई, लेकिन डर अभी भी बना हुआ है। दानापुर स्थित गोला रोड में रह रहे अमित और प्रेरणा हर दिन सुबह भगवान से प्रार्थना करते हैं कि आज का दिन अच्छे से गुजर जाए। जहानाबाद के एक स्कूल में टीचर अमित ने बताया कि शादी तो हमने कर ली है, पर प्रेरणा के फैमिली वालों का डर बना रहता है। अभी तो कोई कांटैक्ट नहीं है, पर किस दिन क्या हो जाए। इसके लिए हमें हमेशा अलर्ट रहना पड़ता है। कुछ भी हो जाए, मेरे आने के बाद ही प्रेरणा घर का दरवाजा खोलती है। इन्हें भी अब अपनों के प्यार का इंतजार है।

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