पटना (ब्यूरो)। राज्य का एक ऐसा गांव जहां हर कदम पर इतिहास छिपा है। लेकिन इसे ढूंढऩे के लिए किसी को फुर्सत ही नहीं है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मधुबनी जिला में पंडौल थाना अंतर्गत इसहपुर गांव की। जहां साल 2021 में एक टीले के पास अमरावती नदी के किनारे मिट्टी कटाई के क्रम में डेढ़ हजार साल पुरानी एक दीवार और कई पुरातात्विक अवशेष मिले थे। जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से कटाई पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन छह महीने गुजरने के बाद फिर से टीले की कटाई शुरू हो गया है। आज पढि़ए विस्तृत रिपोर्ट

लंबी दीवार की मिली जानकारी
स्थानीय निवासी आनंद कुमार झा ने बताया कि मधुबनी के इसहपुर गांव में मृतप्राय नदी है। जिसे स्थानीय लोग अमरावती नदी कहते हैं। नदी का कोई अस्तित्व नहीं है। लोग खेती करने के साथ तालाब भी बना लिए है। नदी टीले के आकार में परिवर्तित हो गया है। जिसमें आए दिन प्राचीन नगर सभ्यता के अवशेष मिल रहे हैं। साल 2021 में टीले की खुदाई के क्रम में एक लंबी दीवाल मिली थी। दीवार को देखकर विशेषज्ञों ने कहा बताया कि दीवार डेढ हजार साल पुरानी है। इससे ये स्पष्ट होता है कि यहां डेढ हजार साल पहले एक बस्ती थी।

धरोहर सूची में करें शामिल
पुरातत्व विषय के सोधार्थी मुरारी कुमार झा ने बताया कि पंडौल प्रखंड अंतर्गत इसहपुर पुरास्थल मिथिला के विशाल और प्राचीनतम पुरास्थलों में से एक है। ऊपरी सतह पर दिखाई दे रहे पुरावशेषों में ईट, मृदभांडावशेषों, पत्थरों के अवशेषों आदि के अवलोकन से गुप्त काल तक की प्राचीनता स्वत: दिग्दर्शित हुआ। पुरातात्विक उत्खनन से और ज्यादा प्राचीनता तथा नवीन अनसुलझे रहस्य स्पष्ट होंगे। धरती की गर्भ में रखी हमारी धरोहर नष्ट हो रही है। आवश्यकता है कि प्राचीन टीले को सुरक्षित रखने के लिए सरकार द्वारा संरक्षित स्मारक की सूची में शामिल कर टीले की कटाई पर रोक लगाई जाए। तथा सरंक्षित स्मारक सूची में शामिल कर दिया जाए।

मिलते रहे पुरावशेष
स्थानीय निवासी आनंद कुमार झा ने बताया कि अमरावती नदी के किनारे टीले पर हमेशा पुरावशेष मिलते रहते हैं। जिसे खेलने वाले खिलौना समझकर लोग इधर-उधर फेंक देते हैं। जबकि विशेषज्ञों को दिखाने पर स्पष्ट होता है कि पुरावशेष डेढ हजार साल से अधिक पुरानी है। मिट्टी के बर्तन, राम-लक्ष्मण चित्र अंकित 200 साल पुराने सिक्के सहित कई सामग्री मिल चुके हैं।

10 दिनों से चल रही अवैध कटाई
स्थानीय लोगों की मानें तो इसहपुर के अमरावती नदी के किनारे पिछले 10 दिनों से मिट्टी की कटाई चल रही है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि मिट्टी का व्यापार करने वाले ट्रैक्टर ऑनर अवैध रूप से सुबह-शाम चोरी-छीपे मिट्टी की कटाई कर रहे हैं। स्थानीय लोगों द्वारा विरोध करने के बावजूद मिट्टी कटाई कार्य जारी है।

जांच के बाद होगी कार्रवाई
कला संस्कृति एवं युवा विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने कहा कि जानकारी आपने दी है। मैं किसी विशेषज्ञ को भेजकर इस जगह को देखवा लेती हूं। जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं मिथिला ललित संग्रहालय, सौराठ मधुबनी के डॉ। शिव कुमार मिश्र ने कहा कि प्राचीन टीले की अवैध कटाई से हमारे धरोहर नष्ट हो रहे हैं इसलिए अविलंब मिट्टी कटाई पर रोक लगनी चाहिए। तथा प्राचीन स्मारक की सूची में शामिल करना चाहिए।