PATNA: नगर निगम कमिश्नर उस समय बैकफुट पर आ गए जब बांकीपुर अंचल निगम कार्यालय में आयोजित निगम पर्षद की 9वीं साधारण बैठक में पार्षदों ने विकास और सुविधाओं का हिसाब मांग लिया। कमिश्नर ने अपने-अपने वार्डो में जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्षदों से दोटूक कह दिया कि सभी पार्षदों के सवालों का जवाब दे पाना उनके लिए अवसंभव होगा। हालांकि कई मामलों में उन्होंने खुद को जनता तथा जन प्रतिनिधियों का नौकर भी माना और कहा कि पर्षद सदस्यों का जो फैसला होगा, वही सिरोधार्य है।

कई बिंदुओं को लेकर हुई बैठक

26 मई 2018 को निगम पर्षद की आठवीं साधारण बैठक कार्यवाही की संपुष्टि, वार्डो में साफ-सफाई समीक्षा, बरसात को ध्यान में रखते हुए वार्डो से जल निकासी व्यवस्था, मुख्यालय एवं अंचल कार्यालयों के जीर्णोद्धार, निगम कर्मियों को सातवां वेतनमान भुगतान किए जाने, 10 साल अपनी सेवा पूरी करने वाले दैनिक वेतन भोगियों को नियमित किए जाने, सफाई के लिए उपकरण यानी वाहन आदि भारत सरकार के जैम पोर्टल से खरीदी किए जाने, निगम क्षेत्र के सभी वार्डो में सड़कों का सर्वे कराए जाने आदि 10 बिंदुओं को लेकर बांकीपुर अंचल नगर निगम कार्यालय के सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में मेयर सीता साहू, कमिश्नर अनुपम सुमन डिप्टी मेयर, वार्डो के पार्षद तथा तकनीकी सलाहकार, इंजीनियर आदि मौजूद रहे।

1 अप्रैल से 7वां वेतनमान का लाभ

बैठक में सर्व सम्मति से पारित किया गया कि निगम के कर्मचारियों को एक अप्रैल 2018 से सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। वर्ष 2016 में लागू नियम को पूरा करने की दिशा में निगम अपने बजट का आकलन करके ही आगे का कदम उठाएगा। इस पर सभी कर्मचारी खुशी से झूठ उठे। इसी क्रम में कमिश्नर ने पार्षदों के समक्ष प्रस्ताव रखा कि 10 साल तक दैनिक मजदूरी पर सेवा देने वाले श्रमिकों को नियमित किया जाएगा। जिस पर एक मद से समर्थन दिया गया। वाहन खरीदी पर भी सहमति बनी लेकिन पार्षदों ने सुझाव दिया कि वाहन ऐसे हों जो पटना की भौगोलिक परिवेश में सफल हो सकें।

भेदभाव का लगा आरोप

बैठक में कई पार्षद आपस में भी भिड़ते नजर आए। दरअसल, वार्डो में साफ-सफाई और सुविधाओं के मुद्दे पर कुछ पार्षदों ने पड़ोसी वार्डो की तुलना में भेदभाव का आरोप लगाया। जिसपर दूसरे पार्षदों ने विरोध जताया। निगम की यह बैठक काफी देरतक हंगामे के बीच गुजरी और बैठक की राह में बार-बार अड़चनों की नौबत उत्पन्न हुई। पार्षदों ने कमिश्नर और मेयर से मांग की कि वार्डो के ओपन नालों को ढंका जाए। लोगों का जन जीवन सुरक्षित करते हुए साफ-सफाई के प्रति गंभीरता बरती जाए। कई पार्षदों का आरोप था कि जनता की समस्या पर निगम को बार-बार सूचित किए जाने के बाद भी निस्तारण का प्रयास नहीं किया गया।