-397 साल बाद यादगार खगोलीय लम्हा, टेलीस्कोप से देखा नजारा

PATNA: मंडे की शाम श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में पहुंचे लोगों में अलग ही उत्सुकता दिखी। दरअसल, 397 वर्ष बाद आसमान में ऐसा नजारा दिखा कि शनि और बृहस्पति ग्रह बेहद करीब दिखे। इनके बीच महज 0.1 डिग्री की ही कोणीय दूरी रही। विज्ञान केंद्र में टेलीस्कोप के माध्यम से दर्शकों को उक्त खगोलीय घटना दिखाई गई। केंद्र के निदेशक अमिताभ ने बताया, आसमान साफ होने के कारण लोगों को नंगी आंखों से भी उक्त घटना स्पष्ट दिखाई दी। खगोलीय घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। शाम तक 173 वयस्कों व 38 बच्चों ने उक्त घटना को टेलीस्कोप के माध्यम से देखा।

11 घंटे 28 मिनट की रही रात

निदेशक ने बताया, मंडे को शीतकालीन संक्रांति हुई। यह संक्रांति साल का वह समय होता है, जब पृथ्वी के दक्षिणी गोलाई को सूर्य का प्रकाश ज्यादा मिलता है, जबकि उत्तरी गोलाई को कम। इस खगोलीय घटना का मुख्य कारण पृथ्वी का अपने अक्ष पर 23.45 डिग्री का झुकाव होता है। शीतकालीन संक्रांति में सूर्य का प्रकाश कम पड़ने के कारण दिन छोटा और रात लंबी होती है। यह घटना अमूमन हर साल 21 या 22 दिसंबर और दक्षिणी गोला‌र्द्ध में 20 या 21 जून को होती है। इस घटना के कारण रात 11 घंटे 28 मिनट की रही। अब ऐसी घटना 60 साल बाद 15 मार्च 2080 को होगी, लेकिन उसे धरती से लोग नहीं देख सकेंगे। बता दें कि इससे पहले शनि व बृहस्पति ग्रह वर्ष 1623 में इतने करीब आए थे।