अशुद्ध के विरुद्ध: पटना में मिलावटी सोना बेचकर मालामाल हो रहे ज्वैलर्स

PATNA : अगर आप सोना खरीदने जा रहे हैं तो सावधान हो जाइए। दुकानदार आपको सस्ते के लालच में फंसाकर ठग सकते हैं। फेस्टिव सीजन में मिलावटी सोने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। खुलेआम ग्राहकों को बिना हॉलमार्क की ज्वेलरी पेश की जा रही है। कीमत 24 कैरेट सोने की ली जाती है लेकिन हकीकत में वह 18 कैरेट ही होता है। इसका खुलासा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है। तो चलिए आज आपको बताते हैं पीले सोने के काले खेल के बारे में

बिना हॉलमार्क से नुकसान

आपका सोना पूरी तरह से शुद्ध है, इसकी कोई गारंटी नहीं होगी।

ज्वेलरी कितने कैरेट सोने की है, इसमें भी मिलावट हो सकता है।

मिलावटी सोना खरीदना भी एक अपराध है। इसके कारण आप पर भी कार्रवाई हो सकती है।

शिकायत करने पर हो सकती है कार्रवाई

अगर दुकानदार सरकारी नियमों का पालन नहीं करता है तो शिकायत होने पर उसका माल जब्त हो सकता है। यही नहीं बिना हॉलमार्क के जेवर बेचने की शिकायत पर उसका लाइसेंस भी रद हो सकता है।

दुकानदार हो रहे मालामाल

जब ज्वेलरी पर हॉलमार्क नहीं होता है तो उसकी शुद्घता की कोई गारंटी नहीं होती है। ज्वैलर्स इसी बात का फायदा उठाते हैं। 24 कैरेट सोने का दावा कर 18 कैरेट सोने की ज्वेलरी बेचते हैं। इसकी जानकारी भी आपको तब होती है जब आप कहीं सोने की प्योरिटी की जांच करवाते हैं।

ऐसे पहचाने नकली सोना

अगर दुकानदार वर्तमान में चल रही सोने की कीमत से भी कम कीमत में देने को तैयार हो जाए तो जान लें वह आपको कम कैरेट का सोना देने वाला है।

22 कैरेट का सोना बहुत ही सॉफ्ट होगा।

शुद्ध सोने के आभूषण पर हॉलमार्क का निशान जरूर होगा।

चमक डार्क पीले रंग की नहीं होगी।

शुद्ध सोना को पानी में डालने पर डूब जाएगा और मिलावट होगा तो ऊपर आ जाएगा।

यह है नियम

कोई भी ज्वेलरी बिना हॉलमार्क के नहीं बेची जा सकती है।

ज्वेलरी कितने कैरेट सोने की है, इसका जिक्र भी उस के टैग पर होना चाहिए।

ज्वैलर्स को पक्की रसीद देनी होगी। जिसमें जीएसटी से लेकर उस ज्वेलरी की हर जानकारी दर्ज हो।

कस्टमर के कहने पर उसे सोने की प्योरिटी भी जांचकर दिखानी होगी।

स्टिंग में साफ बोले दुकानदार, बिना हॉलमार्क का मिलेगा सोना

रिपोर्टर जब दुकानदारों की असलियत जानने के लिए बाकरगंज निकला तो पीले सोने के काले खेल का खुलासा कुछ इस तरह हुआ।

अमित ज्वैलर्स

रिपोर्टर - मुझे सोने की एक रिंग चाहिए थी?

दुकानदार - कितने तक में चाहिए?

रिपोर्टर - 10 हजार रुपए के अंदर तक।

दुकानदार - देख लीजिए आपके बजट में दिखाता हूं।

रिपोर्टर - इसमें कई पर हॉलमार्क ही नहीं है?

दुकानदार - बहुत छोटा लगा है, लेंस से देखना होगा।

रिपोर्टर - कैसे मान लें कि हॉलमार्क वाले जेवर हैं?

दुकानदार - आपको पर्चा दिया जाएगा, अगर आप बिना हॉलमार्क वाला लेंगे तो सस्ता पड़ेगा।

भूषण ज्वैलर्स

रिपोर्टर - मुझे एक रिंग चाहिए थी?

दुकानदार - देखिए इसमें आपके बजट में है।

रिपोर्टर - इसमें से कई में तो हॉलमार्क ही नहीं है।

दुकानदार - हां कुछ है वह आपको सस्ता पड़ जाएगा।

रिपोर्टर - उसमें कोई दिक्कत तो नहीं?

दुकानदार - नहीं कोई दिक्कत नहीं, आप विश्वास के साथ ले जाइए।

रिपोर्टर - लेकिन बताते हैं कि बिना हॉलमार्क के बेचना और खरीदना जुर्म है?

दुकानदार - नियम है लेकिन सस्ता पड़ता है और विश्वास के साथ खरीदार ले जाते हैं।