-भगवान से कर रहे प्रार्थना, झूठी हो सुसाइड की सूचना

स्क्कन्रु/क्कन्ञ्जहृन्: दिल्ली से गायब आइसीएएस जितेंद्र झा के गांव वीणा बभनगामा में सन्नाटा है। जो सूचना मिल रही है उस पर ग्रामीणों को विश्वास नहीं है। ग्रामीण बताते हैं कि जितेंद्र काफी ईमानदार और मृदुल स्वभाव के थे। वे सुसाइड नहीं कर सकते। ईमानदारी की वजह से गलत कदम बर्दाश्त नहीं करते हैं। गांव से काफी लगाव था और ग्रामीणों की मदद को तत्पर रहते हैं। गांव पहुंचते ही वह अपना पद 5ाूलकर ग्रामीण परिवेश में ढल जाते हैं। ग्रामीण नुनु झा, शंभूनाथ मिश्र, ललन मिश्र और तपेश्वर मिश्र बताते हैं कि यकीन नहीं होता, भगवान न करे ऐसा हो।

परिजन दिल्ली रवाना

जितेंद्र के परिजन दिल्ली रवाना हो चुके हैं। जितेंद्र 1998 बैच के इंडियन सिविल एकाउंट्स सर्विस के अफसर हैं। फिलहाल वे मानव संसाधन मंत्रालय में कार्यरत हैं। सोमवार की सुबह दस बजे घर से निकले थे, पर अब तक वापस नहीं लौटे। उनकी पत्नी द्वारा द्वारिका साउथ थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया। इसी बीच पालम में ट्रैक से शव बरामद हुआ। द्वारिका पुलिस ने शव की शिना2त जितेंद्र झा के रूप में की लेकिन परिवार के सदस्य स्पष्ट मान रहे हैं कि जितेंद्र का शव नहीं है।