पटना (ब्यूरो)। सिताबदियारा पहुंचे केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 1974 में जेपी की अगुआई में इंदिरा गांधी और कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाले नेताओं के फिर से कांग्रेस संग गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ जेपी आंदोलन के उपज वाले नेता अब कांग्रेस की गोद में बैठ गए हैं। शाह ने नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया और कहा कि सीएम बने रहने के लिए वह पांच-पांच बार गठबंधन बदल चुके हैं। वे लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर मंगलवार को बोल रहे थे। साथ ही उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए जेपी के सिद्धांत को भूल गए हैं।

आदमकद प्रतिमा का किया अनावरण
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित जेपी जयंती समारोह में शाह ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक का उद्घाटन किया और उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि विगत आठ वर्षों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकनायक जयप्रकाश नारायण और आचार्य विनोबा भावे के सर्वोदय के सिद्धांत के अनुरूप ही अंत्योदय की अवधारणा पर गरीब कल्याण का अभियान चला रहे हैं।

बीजेपी को छोड़ सभी भूल गए संपूर्ण क्रांति
संपूर्ण क्रांति के नारे को सफल बनाने का काम देश के पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया है। आठ वर्षों में देश के लगभग 60 करोड़ लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने, उनके लिए रोजगार के अवसर बनाने एवं उनके घरों से अंधियारे को हटा कर उजियारा लाने की कोशिश की है। शाह ने जनसमूह से संवाद किया कि बिहार की जनता को यह तय करना है कि उन्हें लोकनायक जयप्रकाश नारायण के दिखाए हुए रास्ते पर पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार चाहिए या फिर लोकनायक के बताये रास्ते से भटककर सत्ता के लिए लालायित कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने वालों की सरकार चाहिए। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि लोकनायक के कार्यों से समग्र राष्ट्र के युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके जन्मस्थान पर उनकी आदमकद प्रतिमा और उनके नाम पर स्मारक बनाने का निर्णय लिया था। संयोगवश उनकी जयंती के अवसर पर ही लोकार्पण हो रहा है। मैं वीरेन्द्र ङ्क्षसह मस्त को बधाई और साधुवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष होने के नाते इस कार्य में दिन-रात लग कर इसे पूरा किया है।

याद है, अंधेरे में एक प्रकाश, जयप्रकाश जयप्रकाश
शाह ने कहा कि जब मैं बहुत छोटा था, तब मैंने नारा सुना था। अंधेरे में एक प्रकाश, जयप्रकाश जयप्रकाश। उसी नारे पर गुजरात और बिहार के युवा एकत्रित होकर सत्ता परिवर्तन करने में सहायक हुए थे। जब 1974 में जेपी ने बिहार में क्रांति का बिगुल बजाया था, वह गैर-राजनीतिक आंदोलन था। सभी विचारधाराओं के छात्र जेपी की अगुआई में एकत्रित हुए थे। सुशील मोदी बैठे हैं, ये भी उसी आंदोलन के निकले हैं, मगर उस आंदोलन के कई और लोग हैं जो पूरा जीवन जेपी और लोहिया का नाम लेते रहे, लेकिन आज वे सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में बैठे हुए हैं।

सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में बैठ गए
अमित शाह ने कहा कि मैं आज बिहार की जनता से पूछना चाहता हूं कि जो जेपी का नाम लेकर उनके आंदोलन से निकले और जो आज केवल और केवल सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में बैठे हुए हैं, क्या आप उनसे सहमत हैं? उनका मार्ग जेपी का बताया हुआ मार्ग नहीं है। जेपी ने जीवन भर सत्ता के लिए नहीं बल्कि सिद्धांतों के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन उनका नाम लेकर राजनीति में आने वाले लोग, सत्ता के लिए पांच-पांच बार पाला बदलने वाले लोग बिहार का सीएम बने बैठे हैं। कार्यक्रम को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा संजय जायसवाल, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी, जयप्रभा राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सांसद वीरेन्द्र ङ्क्षसह मस्त, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा और विधान परिषद में प्रतिपक्ष नेता सम्राट चौधरी ने संबोधित किया।