ष्ट॥न्क्कक्त्रन्/क्कन्ञ्जहृन्: जय प्रकाश विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता से विकास का काम गति नहीं पकड़ सका। जिससे शोध कार्य और पुस्तकालय की बेहतर सुविधा का ला5ा उठाने से छात्र वंचित रह गए। विश्वविद्यालय में विकास कार्य के लिए 11वीं और 12वीं वित्त योजना में मिली 12 करोड़ की राशि वापस हो गई है। यूजीसी की ओर से यह राशि जारी की गई थी। सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय को 11वीं वित्त योजना में पहली किश्त के रूप में चार करोड़ रुपए मिले थे लेकिन यह 2ार्च नहीं किया जा सका। पैसा विश्वविद्यालय के 2ाते पड़ा रह गया। इस पैसे का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने के कारण स्वीकृति के बाद 5ाी विश्वविद्यालय को पूरी रकम नहीं मिल सकी। इसी तरह 12 वीं वित्त योजना के तहत भी करीब 11 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। पहली किश्त के तौर पर मिले पैसों को विश्वविद्यालय प्रशासन 2ार्च नहीं कर सका। जिससे यह पैसा यूजीसी के पास वापस चला गया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जय प्रकाश यूनिवर्सिटी प्रशासन को लैब, पुस्तकालय, शोध कार्य एवं भवन निर्माण के लिए यह राशि दी थी। लेकिन उसे विश्वविद्यालय खर्च कर उपयोगिता प्रमाण पत्र यूजीसी को नहीं दिया। जिसके कारण बाकी राशि लैप्स हो गई। इससे जेपीयू को क्षति हुई है।

जेपी विश्वविद्यालय में 11 वीं एवं 12 वीं वित्त योजना के तहत राशि मिली थी। जिसका उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर नहीं यूजीसी को भेजने कारण राशि को लौटाना पड़ा था।

-डॉ। केदार नाथ प्रसाद, जनसंपर्क पदाधिकारी, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा