PATNA/GAYA : सर्द भरी सुबह में बोधगया के ऐतिहासिक कालचक्र मैदान पर विश्व शांति का आगाज सोमवार को कालचक्र पूजा से शुरू हुई, जिसकी शुरुआत ति?बतियों के क्ब्वें धर्मगुरु दलाईलामा ने की। उन्होंने निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री लोबसांग सांग्ये दोरजे को दीक्षित किया। दो घंटे तक चले कार्यक्रम के बाद दक्ष बौद्ध लामाओं ने मंडाला निर्माण कार्य प्रारंभ किया। दलाईलामा ने कहा कि दूसरों के हित के लिए बुद्ध बनना जरूरी है।

केवल प्रार्थना से कुछ नहीं होता

धर्मगुरु ने कहा कि चित्त को एकाग्र कर धर्म का अनुपालन करें। चाहे वो कोई भी धर्म हो। केवल प्रार्थना करने से कुछ नहीं होता। अपने-अपने धर्म शास्त्रों के अनुसार धार्मिक मूल्यों का अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि सभी धर्मो के धर्मशास्त्रों में करूणा व मैत्री को विशेष स्थान दिया गया है।

ख्0 भाषाओं में हो रहा अनुवाद

धर्मगुरु दलाईलामा ति?बती भाषा में प्रवचन कर रहे हैं। इसका विश्व के विभिन्न ख्0 भाषाओं में अनुवाद कर एफएम बैंड के माध्यम से प्रसारण किया जा रहा है। हिन्दी, अंगे्रजी, जापानी, कोरियन, रसियन, चाईनीज, मंगोलियन, वियतनाम, थाई सहित अन्य भाषाओं के अनुवादक तैनात हैं।