- सीबीएसई ने जारी कि बच्चों के लिए 10 मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म

- लोगों की गलत आदतों से बच्चों को अवेयर करने के लिए मुस्कान कैंपेन

PATNA: स्कूली बच्चे सेक्सुअल एब्यूज के सॉफ्ट टरगेट होते हैं। ऐसे कई मामले आते भी रहते हैं। इससे बचने के लिए स्कूलों में बच्चों को समय-समय पर बताया भी जाता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन भी बच्चों को अवेयर करने के लिए मुस्कान कैंपेन के साथ-साथ कई आयोजन करती है। इसी क्रम में बोर्ड ने बच्चों में यौन शोषण को लेकर अवेयरनेस लाने के लिए कोमल नाम से एक वीडियो जारी किया है।

फिल्म को मिल चुका है अवार्ड

दस मिनट के इस शॉर्ट एनिमेटेड फिल्म को भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की चाइल्डलाइन संस्था ने बनाया है। फिल्म ने शैक्षिक फिल्म की कैटेगरी में इस साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है। फिल्म को गुरुवार को सीबीएसई की ओर से यू ट्यूब पर अपलोड किया गया है। फिल्म को लोगों ने काफी पसंद किया है। यू ट्यूब से अबतक इस फिल्म को तीन हजार से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है।

ये है कोमल फिल्म की कहानी

यह एनिमेटेड फिल्म स्कूल जाने वली लड़की कोमल पर फिल्माई गई है। कोमल ऐसी बच्ची है जो स्टडी के साथ साथ स्पोर्टस में भी आगे रहती है। मां-पिता के साथ कोमल अच्छे से रह रही होती है कि एक दिन उसके पड़ोस में उसके पिता के दोस्त बख्शी रहने आता है। बख्शी जल्दी ही बच्ची से हिलमिल जाता है। पहले वो बच्ची को चॉकलेट देकर बहलाता-फुसलाता है और बाद में उसके साथ रेप करता है। बच्ची डर के मारे किसी को कुछ भी बोल नहीं पाती है और डिस्टर्ब रहने लगती है, लेकिन जब उसके टीचर उससे प्यार से पूछती है तो वह सब बता देती है। इसके बाद टीचर ने बच्ची के पैरेंट्स को सारी जानकारी दी। साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर फोन कर के भी सूचना दी। इसके बाद हेल्पलाइन स्कूली बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी देती है।

बच्चे जानेंगे गुड टच व बैड टच

इस फिल्म से बच्चे नो टच एरियाज के बारे में जान सकेंगे। फिल्म के जरिए बच्चों को नो टच एरियाज के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है। फिल्म में बताया गया है कि चेस्ट, बॉटम और बट्स नो टच एरिया होता है। इसमें सिखाया गया है कि बॉडी के इस पार्ट को सिर्फ पैरेंट्स ही छू सकते हैं। बताया गया है कि अगर इस एरिया को कोई और छूता है तो उसका विरोध करना चाहिए। अपने से बड़ों को बताना चाहिए।

पैरेंट्स भी देखें इस फिल्म को

यह फिल्म हर पैरेंट्स को देखना चाहिए। इस फिल्म के जरिए पैरेंट्स को भी सलाह दी गयी है कि वे अपने बच्चों को भरोसा जीतें, बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार करें, ताकि किसी भी ऑड कंडीशन में बच्चे उनसे बे-झिझक बात कर सकें। साथ ही पैरेंट्स को सलाह दी गयी है कि वे बच्चों को बतायें कि क्या होता है गुड टच और बैड टच। फिल्म में बताया गया है कि बच्चे अक्सर बैड टच उसी को समझते हैं कि जिसमें उन्हें चोट लगती है, लेकिन बच्चों को बतायें कि उनके प्राइवेट पा‌र्ट्स पर किसी को भी टच करने की इजाजत नहीं है, साथ ही बच्चों को उनके बॉडी पा‌र्ट्स के बारे में जानकारी दें।

Highlights

किसी भी बच्चे के साथ अगर ऐसा होता है तो वे चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर संर्पक कर सकते हैं। यह फोन लाइन बिल्कुल मुफ्त है। या फिर www.childlineindia.org.in पर जाकर भी कंप्लेन कर सकते हैं।