- बाबा कुशेश्वर नाथ से जो भी भक्त सच्चे मन से मनौती मांगता है उसकी मनोकामना पूरी होती है।

PATNA : सावन उत्सव शुरू होते ही लाखों श्रद्धालुओं का जन सैलाब बोल बम, बोल बम करते हुए देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम पहुंचता है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र वैद्यनाथ शिवलिंग झारखंड के देवघर में स्थित है। इस जगह को लोग बाबा बैजनाथ धाम के नाम से भी जानते हैं। कहते हैं भोलेनाथ यहां आने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट 'परंपराओं का सावन' में पहली बार आपको बताने जा रहा कि देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम ही नहीं बल्कि बिहार में कई और हैं ऐसे शिव मंदिर है जहां श्रद्धालुओं का मेला लगता है। आइए आज आपको बताते हैं बाबा कुशेश्वर स्थान के बारे में पढि़ए स्पेशल रिपोर्ट

मिथिला में भी है बाबा धाम

दरभंगा जिला मुख्यालय से लगभग म्0 किमी की दूरी पर बाबा कुशेश्वर का शिव मंदिर स्थित है। इसे यहां के लोग मिथिला का बाबा धाम भी कहते हैं। यहां वैसे तो हर दिन शिव भक्त दर्शन करने आते हैं लेकिन शिवरा़त्री और सावन के महीने में यहां भी देवघर की तरह शिवभक्तों का रेला उमड़ पड़ता है। लोग सुबह से ही बाबा कुशेश्वर नाथ को जलार्पण करने पहुंचते हैं। यहां उत्तर बिहार और नेपाल के पड़ोसी जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल और झारखंड से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि बाबा कुशेश्वर नाथ से जो भी भक्त सच्चे मन से मनौती मांगता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। आज ये मंदिर उत्तर बिहार, नेपाल, पश्चिम बंगाल और झारखंड के शिवभक्तों में लोकप्रिय है। साल क्90ख् में पहली बार यहां ग्रामीणों के सहयोग से फूस का मंदिर बनवाया गया। यहां हर साल पांच लाख से ज्यादा लोग दर्शन करने और जलाभिषेक करने आते हैं।

-भगवान विष्णु ने किया स्थापित

मधेपुरा जिला मुख्यालय से क्म् किमी दूरी पर स्थित है सिंघेश्वर स्थान है। सावन के दिनों में बड़ी संख्या में न केवल बिहार से बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी शिव भक्त यहां आकर भगवान शिव को जल चढ़ाते हैं। वराह पुराण में इस बात का प्रमाण है कि भगवान विष्णु ने इस शिवलिंग का स्थापना किया था। दूसरी कथा ये भी है कि एक गाय प्रति दिन यहां खड़ी होकर दूध गिराती थी। एक दिन उस स्थान को लोगों ने खोदा तो वहां शिवलिंग मिला। उसी दिन से लोग यहां पूजा-अर्चना करने लगे। धीरे-धीरे यहां मंदिर बन गया और ये स्थान सिंघेश्वर स्थान कहलाने लगा।

-हरिहर नाथ में लगता है मेला

श्रावणी उत्सव आरंभ होते ही देश-विदेश से सोनपुर स्थित हरिहर नाथ मंदिर में भक्त भगवान शंकर को जल चढ़ाने पहुंचते है। बाबा के दर्शन का यहां बड़ा महत्व है। सावन में बाबा के दर्शन करने का मन हर भक्त को रहता है। ऐसे में एक ही छत के नीचे क्क् रूपों का दर्शन का सौभाग्य मिलता है।