-राज्यपाल कोटे की 12 सीटें, बीजेपी-जेडीयू में 6-6 बंटीं

PATNA: आखिरकार जेडीयू में आने के 72 घंटे के अंदर उपेंद्र कुशवाहा एमएलसी बन गए। इस तरह कुशवाहा चारों सदनों के सदस्य बनने वाले बिहार के 4 नेताओं में शामिल हो गए हैं। बुधवार को राज्यपाल कोटे की खाली 12 सीटों पर काफी विचार मंथन के उपरांत जेडीयू और बीजेपी में नेताओं के बीच आपसी सहमति बनी। दोनों दलों में 6-6 सीटों का बंटवारा हुआ। मनोनयन के बाद बुधवार शाम सभी नए सदस्यों ने विधान परिषद में शपथ ग्रहण की।

जेडीयू से नए एमएलसी

उपेंद्र कुशवाहा, संजय सिंह, संजय कुमार सिंह उर्फ संजय गांधी, ललन कुमार सर्राफ, डॉ। राम वचन राय और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी।

बीजेपी के नए एमएलसी

पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता, प्रमोद चंद्रवंशी, महामंत्री जनक राम और देवेश कुमार, महिला मोर्चा की निवेदिता सिंह और मधुबनी जिले के एक्स अध्यक्ष घनश्याम ठाकुर।

5 पुराने चेहरे को मौका

जेडीयू के 5 पुराने सदस्यों को ही सीएम ने फिर से मौका दिया है। बीजेपी की ओर से एकमात्र राजेंद्र गुप्ता दूसरी बार विधान पार्षद बनाए गए हैं। उपेंद्र कुशवाहा पहली बार वर्ष 2000 में जंदाहा से विधानसभा के लिए चुने गए थे। 2009 में जदयू कोटे से राज्यसभा सदस्य बने।

एक मई से खाली थी सीटें

कैबिनेट ने एक दिन पहले सीएम नीतीश कुमार को राज्यपाल कोटे की खाली सीटों पर मनोनयन के लिए अधिकृत किया था। मंत्री होने के चलते अशोक चौधरी और जनक राम का नाम पहले से तय था।

तीन पहले बन चुके चारों सदनों के मेंबर

कुशवाहा से पहले चारों सदनों के सदस्य बनने का कीर्तिमान पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नाम है। अगर कुशवाहा को मंत्री बनाया गया तो बिहार सरकार में दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों को जगह मिलेगी।