- महिला और विकलांग के लिए रिजर्व बोगियों पर भी मेल पैसेंजर्स का अवैध कब्जा

- आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आया मामला, जवाब देने से कतराते रहे पुलिस ऑफिसर

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PATNA: ट्रेनों में महिला पैसेंजर्स के लिए रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने कोच तो रिजर्व कर दिया, लेकिन उनमें महिलाओं को बैठने नहीं मिलता है। अधिक प्रॉब्लम लंबी दूरी की ट्रेनों में होती है। प्लेटफॉर्म पर ट्रेन रुकते ही महिला और विकलांग बोगियों में पुरुष पैसेंजर्स कब्जा जमा लेते हैं। शनिवार को पटना जंक्शन मॉडल स्टेशन है। यहां से रोजाना ख्00 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं, लेकिन स्टेशन में आरक्षित बोगियों में सिक्योरिटी नहीं रहती है।

महिला बोगी में पुरुष पैसेंजर्स

दोपहर क्ख्:क्फ् बजे फरक्का एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी। ट्रेन जब रुकी तो महिला पैसेंजर अपने ही बोगी में नहीं चढ़ पा रही थी। काफी मुश्किल से एक हाथ में बैग और बच्चे को लेकर बोगी के अंदर घुस पाई। इस ट्रेन में दोनों तरफ की सीट पर पुरुष पैसेंजर्स बैठे थे, जो महिलाओं को बैठाने तक उचित नहीं समझे। इसके एक घंटे बाद राज्य रानी एक्सप्रेस क्ख्:ब्8 बजे प्लेटफार्म नंबर छह पर आई। उसमें भी आरक्षित बोगियों में पुरुष यात्री बैठे नजर आए। ट्रेन का इंतजार कर रही महिला पैसेंजर्स को जब बोगी में बैठने की जगह नहीं दिखी तो जेनरल कोच में मुश्किल से चढ़ पाई।

कहां गया निर्भया स्क्वायड

रेलवे के ऑफिसर महिला पैसेंजर्स की सिक्योरिटी के लिए निर्भया स्क्वायड बनाने का दावा तो करते हैं, लेकिन सचाई यह है कि स्क्वायड स्टेशन में दिखाई नहीं देता। अपनी ही बोगी में ठौर नहीं मिलने पर महिला यात्री शिकायतें दर्ज नहीं करा पाती हैं। वे पहले से कब्जा जमाए पुरुष पैसेंजर्स के बीच जर्नी करने के लिए मजबूर हैं।

सिक्योरिटी के नाम पर दिखावा

पटना से गुजरने वाली ट्रेनों में महिला और विकलांग बोगियों में बैठे पुरुष यात्रियों को उतारने की जिम्मेदारी रेलवे पुलिस की है, लेकिन जंक्शन पर तैनात जवान इन बोगियों की तरफ ध्यान नहीं देते हैं। ट्रेन आने के टाइम प्लेटफॉर्म पर तैनात तो रहते हैं, लेकिन देखना उचित नहीं समझते। यही वजह है कि जेनरल बोगियों की बजाय पुरुष पैसेंजर्स महिला और विकलांग कोच में आराम से जर्नी करते हैं।

महिला सिक्योरिटी को लेकर रेलवे पुलिस अर्लट रहती है। जिस कोच में इस तरह की कंप्लेन मिली है वहां तुरंत कार्रवाई भी करते हैं। आपने बताया है तो मैं इस मामले को और अधिक गंभीरता से लूंगा।

- संजय पांडेय, प्रभारी, जीआरपी पटना जंक्शन।