- बक्सर में पंचकोसी यात्रा के अंतिम पड़ाव पर गंगा किनारे प्रसाद बनाने की रही होड़

BUXAR: बुधवार को पंचकोसी परिक्रमा के अंतिम दिन विश्वामित्र की तपोस्थली आस्था के रंग में डूब गई। उपलों के बीच सेंकी जाती लिट्टी की सोंधी खुशबू फिजा में घुल रही थी। लिट्टी-चोखा के पावन महोत्सव में शहर का हर तबका डूबा हुआ था। परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं ने पहले गंगा स्नान किया। फिर, महाप्रसाद बनाने में जुट गए। कहते हैं कि जिस धरा पर यज्ञ रक्षा हेतु श्री राम लक्ष्मण कदम-कदम चले हों और उनके चरणों की पवित्रता समाहित हुई हो वहां तैयार लिट्टी-चोखा के महाप्रसाद से भला कोई अछूता क्यों रहे। यह जीव के सभी पांचों तत्वों को पवित्र कर देता है। इसी अंतर्निहित भाव को समेटे पंचकोस परिक्रमा का एक अलग ही महत्व है। आज परिक्रमा का अंतिम पड़ाव था। इस कारण शाहाबाद परिक्षेत्र व निकट यूपी प्रांत के बलिया, गाजीपुर आदि जिला क्षेत्र से श्रद्धालु सड़क मार्ग व स्टीमर से काफी संख्या में पहुंचे थे।