-पथ चक्र की डिजाइन को लेकर आईआईटी दिल्ली ने पुल निगम पर उठाया सवाल

PATNA: पटना के लिए ड्रीम और देश में अपने तरह की पहली परियोजना डिजाइन के चक्कर में उलझता दिख रहा है। दरअसल, लोहिया पथ चक्र की डिजायन को लेकर कंसलटेंट आईआईटी दिल्ली के प्रो। अनूप चावला ने सैटरडे को कहा कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को परियोजना की डिजाइन उपलब्ध करा दी है। निगम द्वारा उस डिजाइन के लिए कहा जा रहा, जिसके आधार पर निर्माण पर अधिक खर्च होगा। उन्होंने कहा कि हमने जो डिजाइन उपलब्ध कराई थी, उस आधार पर निर्माण पर सौ करोड़ रुपए कम खर्च होंगे। दरअसल, इस परियोजना को मुश्किलों में धकेला जा रहा है।

सौ करोड़ कम होगी लागत

प्रो। चावला ने कहा कि आईआईटी दिल्ली ने इस परियोजना के लिए सॉल्यूशंस काफी पहले उपलब्ध करा दिए हैं। विशेषज्ञों द्वारा अनुमोदित ड्राइंग भी दिया गया है। इस साल्यूशंस के माध्यम से निर्माण की लागत सौ करोड़ तक कम होगी। जबकि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा यह कहा जा रहा है कि कुछ मंहगी डिजायन तैयार कर दें। ज्ञात हो कि आईआईटी दिल्ली द्वारा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को एक इनोवेटिव डिजाइन उपलब्ध कराई गई थी।

देश में पहली डिजाइन

प्रो। चावला ने बताया कि भारत में यह अपने किस्म की पहली डिजाइन है। इसलिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के रूटीन साल्यूशंस पर मुहर लगाना संभव नहीं है। वर्ष 2016 के मार्च से ही उनकी सोच इस परियोजना को लेकर पूरी तरह से स्पष्ट है। इंटलेक्चुअल प्रापर्टी राइट (बौद्धिक संपदा अधिकार) का मसला भी अभी पूरी तरह से नहीं सुलझा है।

क्यों बन रहा लोहिया पथ चक्र

ज्ञात हो कि पटना के बेली रोड, सरपेंटाइन रोड और बो¨रग कैनाल रोड में बगैर ट्रैफिक सिग्नल के वाहनों के परिचालन के लिए लोहिया पथ चक्र का निर्माण हो रहा है। पटना के लिए यह महत्वाकांक्षी परियोजना है और देश में अपने किस्म की पहली।

अब कहा जा रहा है नई और महंगी डिजायन के लिए हमने जो डिजायन दी है उसके आधार पर निर्माण होने पर सौ करोड़ रुपए कम खर्च होंगे।

-प्रो। अनूप चावला, आईआईटी, दिल्ली