-घोंघा और सीप हैं मु2य आहार, बस्ती में लगा गंदगी का अंबार

ष्ट॥न्क्कक्त्रन्/क्कन्ञ्जहृन्: सारण के स6होता में महादलित मुसहर जाति की सं2या सर्वाधिक है। यहां करीब 200 घर है। आजादी के वर्षो बाद 5ाी इनकी सामाजिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। यहां शिक्षा तो दूर की कौड़ी है। 10-12 उम्र तक के बच्चे भी नंगे रहते हैं। एक सप्ताह के जन्मे बालक को धान की पलहारी पर सुला कर महिलाएं फसल काटती हैं। इनका पारंपरिक आहार सीप और घोंघा है। दलित बस्ती में गंदगी का अंबार लगा रहता है। घोंघा, सीप और केकड़े के अवशेष की ढेर लगी रहती है। सरकार की ओर से सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है।

फैली है चेचक की महामारी

आधे से अधिक परिवार इंदिरा आवास से वंचित हैं। पेयजल के नाम पर एक चपाकल चालू है और दूसरा 2ाराब। मुसहर टोली में चेचक की महामारी फैली है। कई बच्चों की जान भी जा चुकी है। धार्मिक मान्यता के कारण चेचक पीडि़त दवा खाने को तैयार नहीं होते हैं।

आजादी के बाद मुसहर बस्ती पर किसी की नजर ही नहीं पड़ी। ये लोग आज भी विकास की मु2यधारा से नहीं जुड़ पाए हैं।

-अ2िालेश्वर पासवान, प्र2ांड प्रमु2ा

महादलित मुसहर बस्ती सात निश्चय के अंतर्गत चयनित है। 2018 तक नल जल योजना से बस्ती को लैस कर दिया जाएगा। चिकित्सा टीम कल भी जाएगी।

-राजेश 5ाूषण, बीडीओ