PATNA : निगम पर्षद की पहली ही साधारण मीटिंग में मेयर सीता साहू को चुनौती का सामना करना पड़ा। कारण है कि 7 में से म् एजेंडे पर पार्षदों ने सहमति तो जता दी, मगर टैक्स कलेक्शन आउटसोर्सिंग द्वारा किए जाने के मामले में कंपनी के ब्लैकलिस्टेड होने का आरोप लगाते हुए इसके बारे में पूरी जानकारी जुटाने के बाद इस पर सहमति दिए जाने की बात कही गई। जबकि पूर्व में स्टैंडिंग कमेटी इस प्रस्ताव को पास कर चुकी थी।

मेयर के हार के रूप में चर्चा

दरअसल, एजेंडे के तहत पांचवें नंबर पर संपत्ति एवं अन्य करों की वसूली के लिए आउटसोर्सिग की स्वीकृति के संबंध में चर्चा कर पास करना था। इसे लेकर निगम प्रशासन ने टेंडर आमंत्रित किया था। इसमें चार कंपनियों ने भाग लिया था। तकनीकी मूल्यांकन समिति की मीटिंग में सभी कंपनियों का प्रेजेंटेशन एवं तकनीकी क्राइटेरिया के आधार पर टेंडर खोला गया। इसमें रांची के मेसर्स स्पैरो सॉफ्टटेक प्रा.लि। का चयन किया गया। उसे शर्तो के साथ बांधा गया। उस कंपनी ने रांची नगर निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के साथ किए एकरारनामा की छायाप्रति भी सबमिट किया। लेकिन बात तब बिगड़ गई जब यह कहा गया कि नगर निगम के टैक्स कलेक्टर निर्धारित लक्ष्य का ब्0 परसेंट ही वसूल पाते हैं। ऐसे में आउटसोर्सिग कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि वह टारगेट को हासिल करने में जितना पीछे होगी, उसे पेनाल्टी देनी होगी।

कंपनी की जांच कह टाला

ऐसे में मेयर सीता साहू को चाहिए था कि मीटिंग के पूर्व पार्षदों के साथ मुद्दों पर चर्चा करतीं औ सर्वानुमति से पास करातीं। मगर टैक्स कलेक्शन के मुद्दे पर डिप्टी मेयर समेत स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर या अन्य काउंसलर भी पक्ष में नहीं बोल सके। इसके पास नहीं होने से निगम कमिश्नर अभिषेक सिंह की नाखुश दिखे। लिहाजा उस कंपनी के बारे में जानकारी जुटा कर फिर से प्रस्ताव पास कराने में दो-तीन माह गुजर जाएगा। विपक्ष के कुमार संजीत, रजनी देवी एवं आशीष कुमार सिन्हा का कहना था कि यह पूरी तरह से दर्शाता है कि मेयर को हाउस के पार्षदों का समर्थन प्राप्त नहीं है।

मेरे लिए साधारण मीटिंग पहला अनुभव था। इसके बाद से स्टैंडिंग कमेटी और साधारण मीटिंग में प्रस्ताव पास कराने की कोशिश होगी। डिप्टी मेयर को छोड़ स्टैंडिंग कमेटी में शामिल मेंबर भी पहली बार जीत कर आए हैं। सबों को सबकुछ समझना होगा।

सीता साहू, मेयर

मेयर सुलझी हुई हैं और मिलकर हाउस चलाने में विश्वास रखती हैं। उन्हें पार्षदों से मिलकर उनके वार्ड की समस्या को जानने और मुद्दे को पास कराने पर बात करनी चाहिए।

रूपनारायण मेहता, एक्स डिप्टी मेयर