- आईसीयू, वार्ड कैपेसिटी और जांच की सुविधाओं में किया गया सुधार

- पीएमसीएच, एनएमसीएच और एम्स में बेहतर हुआ इंफ्रास्ट्रक्चर

PATNA :

कोरोना की शुरुआत से अब तक देश में साल भर का समय पूरा हो गया है। पटना में कोरोना से सबसे पहली मौत 21 मार्च, 2020 को हुई थी। तब से अब तक मेडिकल सर्विसेज और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई प्रकार के डेवलपमेंट वर्क पूरे किए गए हैं। संयोग से पूरे प्रदेश में कोविड केयर के लिए हॉस्पिटल और जांच की सबसे पहले व्यवस्था भी पटना में ही हुई। शुरुआत के करीब दो माह तक पटना में ही पेशेंट के कोरोना जांच से लेकर उन्हें एडमिट करने और उनके क्रिटिकल केयर में एक बड़ा बदलाव आया। जहां शुरुआत में कोरोना को लेकर डर का वातावरण था वह आज मेडिकल जगत के लोगों के लिए सुखद अहसास दे करा रहा है। इसका कारण है मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विसेज की बेहतर व्यवस्था से पेशेंट केयर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

बीएमएसआईसीएल ने निभाई अहम भूमिका

बिहार देश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पिछड़े राज्यों की गिनती में आता है। लेकिन जिस तरीके से इससे निपटने के लिए सीमित समय में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए उसके क्रियान्वयन में बीएमएसआईसीएल (बिहार मेडिकल सर्विस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लि.) की महत्वपूर्ण भूमिका रही। चाहे यह हॉस्पिटल्स में क्रिटिकल केयर की हो या सामान्य रूप से हॉस्पिटलों की दैनिक संसाधन संबंधी जरूरतों को पूरा करने की, इन सभी में बिहार सरकार के इस कार्पोरेशन के जरिये हॉस्पिट की जरूरतों को समय पर पूरा किया। बीएमएसआईसीएल के सूत्रों के मुताबिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरा करने में सरकार के स्तर पर जो भी निर्णय लिए गए, उसे पूरा किया गया।

क्रिटिकल केयर और जांच

कोरोना काल के दौरान आईसीयू, ऑक्सीजन युक्त बेड, कोरोना और पोस्ट कोविड केयर के लिए जांच की मशीने और इससे प्रभावित मृतक के डेड बॉडी के त्वरित डिस्पोजल आदि के लिए एम्बुलेंस की सुविधा पर बडे़ स्तर पर काम किया गया। इससे न केवल कोरोना का बेहतर तरीके से मुकाबला करने में मदद मिली बल्कि कोरोना के असर को ससमय कम करने में भी कामयाबी मिली। इस बारे में आईजीआईएमएस के माइक्रो बायोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व हेड डॉ एसके शाही ने बताया कि इससे लड़ने की शुरुआत इसके ट्रेसिंग से शुरू होती है। इसमें कोरोना जांच की संख्या को लगातार बढ़ाना बड़ी चुनौती रही। इससे निपटने के लिए पूरे प्रदेश के स्तर पर ट्रेनिंग पारामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर्स के लिए की गई, जो कि अभूतपूर्व और शानदार रहा।

पीएमसीएच पहला उदाहरण

कोरोना काल में जहां कोविड-19 हॉस्पिटल्स में बेड की सुविधा बढ़ाने और आईसीयू पेशेंट के बेहतर केयर पर ध्यान दिया गया वहीं पीएमसीएच में इससे दो कदम आगे बढ़कर काम किया गया। पीएमसीएच के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ विमल कारक ने बताया कि यहां कोरोना के पेशेंट की जांच की बेहतर सुविधा दी गई। इसके साथ ही इनमें जो पेशेंट किडनी की बीमारियों से भी जुझ रहे थे, उनके इलाज के लिए डायलिसिस की भी व्यवस्था डेडीकेटेड तरीके से की गई। यह पूरे बिहार में कोविड केयर के दौरान अपने तरह का एकमात्र हॉस्पिटल रहा।

बेड की सुविधा बढी

कोरोना के शुरुआत में जहां संक्रमण का दर तेज था और सभी संक्रमितों को हॉस्पिटल्स में रखा जा रहा था। तब बेड फुल होने लगे थे। इसे देखते हुए सभी कोविड-19 हॉस्पिटल्स में बेड की संख्या बढ़ाई गई। बिहार का सबसे पहले कोविड -19 केयर के लिए डेडिकेटेड हॉस्पिटल एनएमसीएच को घोषित किया गया। यहां लगभग 600 बेड इसके लिए डेडिकेट थे। इसके साथ ही पीएमसीएच में भी 120 बेड और पटना एम्स में करीब 600 बेड की सुविधा बढ़ाई गई। इसके लिए जहां विभिन्न विभागों के वार्ड इसमें शामिल किए गए, उसके साथ ही नए अतिरिक्त बेड भी लगाए गए। पीएमसीएच में आई, ईएनटी और नशा विमुक्ति केन्द्र को इसमें शामिल किया गया। इसी प्रकार, एनएमसीएच में मेडिसीन, आईडीएच और आई डिपार्टमेंट को शामिल किया गया।

मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा

एनएमसीएच

- 20 वेंटिलेटर

- 100 कॉर्डियक मॉनिटर

- 447 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड

- अल्ट्रासाउंड मशीन

- आरटीपीसीआर मशीन

- डेफरीलेटर मशीन

- 4 मोर्चरी वैन

- स्पेशलाइज्ड रेजिडेंट की बहाली

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पीएमसीएच

- 2 आरटीपीसीआर मशीन

- 25 वेंटिलेटर मशीन

- 3 डायलिसिस मशीन

- सीटी स्कैन

- एमआरआई

- ऑक्सीजन प्लांट

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आईजीआईएमएस

- 4 लेप्रोस्कोपिक स्मोक इवैकुएटर मशीन

- प्रेशर फैन

- आरटीपीसीआर मशीन

-20 आईसीयू की सुविधा

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अब तक एडमिट कोविड पेशेंट

पटना एम्स - लगभग 6000

एनएमसीएच - 2000 से अधिक

पीएमसीएच - लगभग 1000

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कोविड-19 की महामारी ने चुनौतियों से लड़ने के लिए एक मौका दिया। इस दौरान हॉस्पिटल में इंफ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर कई काम हुए। इससे अब पेशेंट केयर और इम्प्रूव हो गया है।

- डॉ वीके सिंह सुपरीटेंडेंट एनएमसीएच

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कोरोना के दौरान पेशेंट के बेहतर केयर पर ध्यान दिया गया। यहां आक्सीजन युक्त बेड, आरटीपीसीआर जांच मशीन और कोरोना के डायबिटिक केस वाले पेशेंट की केयर की गई।

- डॉ विमल कारक, पूर्व सुपरीटेंडेंट पीएमसीएच

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कोविड 19 से निपटने के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग से लेकर पेशेंट केयर तक कई उपाय किए गए। इस दौरान पेशेंट केयर के लिए कई सुविधाएं विकसित की गई। जिसका लाभ अब भी दी जा रही है।

- डॉ मनीष मंडल सुपरीटेंडेंट आईजीआईएमएस

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