- मंगलवार को लापता चावल कारोबारी भाइयों का नहीं चला पाया पता

- अनहोनी की आशंका से डरा है परिवार

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: नौबतपुर से लापता पटना के चावल के थोक कारोबारी भाइयों राकेश गुप्ता और अमित का पांचवें दिन भी पता नहीं चल पाया। इससे परिवार अनहोनी की आशंका से सहमा हुआ है। दोनों की सकुशल बरामदगी के लिए परिवार हर जगह गुहार लगा रहा है। पुलिस की एसआईटी भी दोनों भाइयों का सुराग नहीं लगा पाई। राकेश के मंझले भाई सुमन ने बताया कि राकेश गुप्ता और अमित से कोई संपर्क नहीं हो पाया। एक भाई का मोबाइल पुलिस के पास हैं जबकि दूसरे भाई का मोबाइल बंद है। अबतक किसी तरह की फिरौती का फोन भी नहीं है और न ही उनके लोकेशन का पता लग रहा है।

हर एंगल से हो रही जांच

पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। कर्ज होने सहित तमाम बिंदुओं पर छानबीन कर रही है। पुलिस ने बताया कि मोबाइल स्विच ऑफ होने से लापता भाइयों का लोकेशन नहीं मिल पा रहा है। उनके मोबाइल का सीडीआर निकलवाकर भी देखा गया लेकिन उससे भी पुलिस को कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी है। एसआईटी भी दोनों की खोजबीन में लगी हुई है। पुलिस आसपास के जिलों में भी छापेमारी कर रही है, लेकिन दोनों का सुराग नहीं मिल पा रहा है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की बार-बार जांच कर रही है। इस मामले को लेकर पुलिस महकमे की नींद उड़ी हुई है।

दहशत में परिवार

दोनों भाइयों का सुराग नहीं मिलने से परिजन दहशत में हैं। कारोबारी के भाई सुमन ने बताया कि समझ में नहीं आ रहा कि आखिर दोनों भाई कहां चले गए। कहीं से भी उनके बारे कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। भाइयों की चिंता में परिवार के लोग खाना भी नहीं खा रहे हैं। बच्चों की मायूसी देखकर आंख से आंसू आ रहे हैं। माता-पिता का हाल बुरा हो रहा है। हमलोगों की नींद भी गायब हो गई है। अनहोनी की आशंका से हमलोग परेशान हैं।

यह है मामला

दोनों भाई राइस मिल में पार्टनर राजीव रंजन से हिसाब करने मंगलवार को नौबतपुर गए थे। वहीं से दोनों लापता हो गए। राकेश कुमार गुप्ता बिहार राइस मिल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं। अमित कुमार भी चावल का थोक कारोबारी है। दोनों परिवार के साथ पटना के जमाल रोड स्थित ओम राज अपार्टमेंट में रहते हैं। परिजनों ने अनहोनी की आशंका जताते हुए नौबतपुर थाने में पहले गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराया था। पुलिस अपहरण का एफआईआर दर्ज कर दोनों की तलाश कर रही है।

किडनैपिंग की खूब हुई घटना

वर्ष 2020 में किडनैपिंग की कई घटनाएं हुई। अपहृत को खोजने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। कई मामलों की गुत्थी पुलिस नहीं सुलझा पाई। इस वर्ष की शुरुआत में ही अपराधियों ने किडनैपिंग की घटना को अंजाम देने लगे। जनवरी माह में किनैपिंग की तीन घटनाओं को अंजाम देने में अपराधी सफल रहे।

कब-कब हुई किडनैपिंग की घटनाएं

7 जुलाई

रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र से एक व्यक्ति का अपहरण हुआ था। अपहरणकर्ताओं ने वैशाली जिले के राजापाकर में उसे रखा था। पुलिस ने छापेमारी कर एक कमरे में बांधकर रखे गए अपहृत को बरामद किया। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। फिरौती के लिए 1 करोड़ रुपए मांगे गए थे। लेकिन 40 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को अपने जाल में फंसा कर पकड़ लिया।

14 जनवरी

घोसवरी थाना क्षेत्र के रामनगर गांव निवासी फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के कर्मचारी सरयुग महतो के 10 वर्षीय पोते रवि किशन का अपहरण कर लिया गया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उस बच्चे को बरामद कर लिया था। बच्चे को उसी के पड़ोसी ने अगवा किया था। उसे छोड़ने की एवज में परिजनों से फोन पर 10 लाख रुपए की मांग की गई थी। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

11 जनवरी

दानापुर के सुलतानपुर का रहनेवाला ज्वेलर मुकेश कुमार गुप्ता उर्फ डब्ल्यू का अज्ञात अपराधियों ने किडनैप कर लिया था। वह खड़ंजा रोड में भाई राकेश गुप्ता के साथ मिलकर मां अलंकार ज्वेलर्स नाम की दुकान चलाता था। किसी का फोन आने पर वह दुकान से सगुना गया था। इसके बाद से उसका पता नहीं चल पाया। उसके भाई राकेश गुप्ता के पास फोन आया था कि मंगलसूत्र और अंगूठी के साथ कुछ और ज्वेलरी दे दीजिएगा। इसके कुछ देर बाद मुकेश की मोटरसाइकिल से दो लोग आए और 1.75 लाख रुपए का सामान ले गए। बाइक सवारों के जाने के बाद मुकेश गुप्ता का फोन बंद हो गया और आज तक उसका पता नहीं चल पाया।

7 जनवरी

बीबीए की स्टूडेंट को कार सवार चार लड़कों ने पिस्टल के बल पर अगवा किया था। इसके बाद पाटलिपुत्र स्थित एक फ्लैट में ले गए। वहां उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीडि़ता के बयान पर महिला थाना में एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसमें चार लोगों को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था।