-सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पटना के स्टेडियम को इंटरनेशनल बनाने की तैयारी

-डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा, सरकार बना रही है स्टेडियम के लिए बड़ा प्लान

-बदला जाएगा स्टेडियम लुक, ािलाडि़यों को पूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी

PATNA : पटना का मोइनुलहक स्टेडियम का लुक अब इंडेन गार्डेन स्टेडियम की तरह होगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार सरकार स्टेडियम को इंटरनेशनल बनाने की तैयारी में जुट गई है। सरकार की मंशा है कि स्टेडियम इडेन गार्डन की तर्ज पर उसी लुक में बनाया जाए जिससे वह ािलाडि़यों को आकर्षित कर सके और पूरी सुविधाएं मुहैया करा सके। प्रदेश के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को सरकार का प्लान बताया है।

हमने उठाया था मामला

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मोइनुल हक स्टेडियम की दुश्वारियों का मामला उठाया था। जब स्टेडियम की हालत ाराब है तो यहां ािलाडि़यों का क्या हाल होगा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 6 जनवरी के अंक में 'बिहार में क्रिकेट ग्राउंड लेवल पर ही आउट' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर इस मामले को उठाया था। खबर में बताया था कि बिहार में खेलने का एक भी इंटरनेशनल मैदान नहीं है।

' एकलव्य खेल' का शुारंा

4 दिवसीय 'बिहार एकलव्य खेल'(09 से 12 जनवरी) का मंगलवार को पटना के पाटलिपुत्र स्पो‌र्ट्स कपलेक्स में शुारंा किया गया। इस दौरान उपमुयमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हाल में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के साथ मोइनुलहक स्टेडियम के विकास के लिए एमओयू साइन करेगी। 17 साल के बाद अब बिहार की टीम भी रणजी क्रिकेट में भाग ले सकेंगी। पुलिस की बहाली में खिलाडि़यों को एक प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।

झारखंड बंटावारे के बाद हुआ था विवाद

डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि झारखंड बंटवारे के बाद बिहार का क्रिकेट एसोसिएशन विवाद में धिर गया था, मगर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार की टीम भी रणजी मैच में भाग लेगी। सरकार मोइनुलहक स्टेडियम को विकसित करने के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के साथ बड़ा प्लान तैयार करेगी और स्टेडियम को विशेष दर्जा दिलाने का पूरा प्रयास करेगी। सरकार की पहल बिहार के ािलाडि़यों को उच्चस्तरीय क्रिकेट प्रशिक्षण दिलाने को लेकर है।

तैयार किए जा रहे एकलव्य

डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रदेश में 22 एकलव्य राज्य आवासीय खेल प्रशिक्षण केन्द्र संचालित कर 370 बच्चों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अगले साल 17 और एकलव्य आवासीय खेल प्रशिक्षण केन्द्र खोल कर एक हजार बच्चों को नामांकित करने का सरकार का लक्ष्य है। केन्द्र के बच्चों के खाने की राशि प्रतिदिन 100 रुपए से बढ़ा कर 225 रुपए, एक बार की जगह दो बार खेल किट और ड्रेस के साथ ही प्रशिक्षकों के मानदेय को 8 हजार से बढ़ा कर 30 हजार कर दिया गया है.राजगीर में सरकार की पहल पर 633 करोड़ की लागत से स्पो‌र्ट्स कपलेक्स सह स्टेडियम के निर्माण के लिए 90 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। सरकार खेल और खिलाडि़यों को बेहत्तर सुविधा और प्रोत्साहित करने के लिए सदैव तत्पर है।