- मंगलवार की शाम हुआ मंगल और शुक्र का दुर्लभ मिलन

- अब 2034 को होगा ऐसा नजदीकी मिलन

- पटना सहित पूरे देश के लोगों ने खगोलीय मिलन को देखा

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- इससे पहले 24 अगस्त 2019 को शुक्र और मंगल का मिलन हुआ था

- 22 फरवरी 2024 को सुबह दिखेगी यह घटना, मगर करीबी मिलन 13 साल बाद 11 मई 2034 को होगा।

PATNA : अंतरिक्ष और खगोलीय घटनाओं में रूचि रखने वालों के लिए मंगलवार की शाम काफी खास रही। शाम को मंगल और शुक्र ग्रह एक दूसरे के पास आ गए थे। जिसे देखने के लिए शाम को लोग अपने छतों पर आ गए। शाम 6:46 मिनट पर सूर्यास्त के 4 मिनट बाद पश्चिमी आकाश में ब्रह्मांड का दूसरा ग्रह मंगल और चौथा ग्रह शुक्र एक दूसरे से मिल रहे थे। 1 घंटे 42 मिनट तक दोनों एक दूसरे के पास थे। इसके बाद ये आकाश की गहराइयों में तारों के बीच समा गए। बता दें कि इससे पहले 24 अगस्त 2019 को शुक्र और मंगल का मिलन हुआ था, लेकिन सूर्य की रोशनी में इसे लोग नहीं देख पाए थे।

मंगल और शुक्र के इस मिलन को विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने इसे अद्भुत खगोलीय घटना बताया। उन्होंने ये भी बताया कि इस तरह का दुर्लभ संयोग अब 13 साल बाद दिखेगा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के इस स्टोरी में पढि़ए मंगल और शुक्र ग्रह के मिलन की इस कहानी को

- मंगल से 190 गुना चमकीला दिखा शुक्र

सारिका ने बताया कि मिलन के समय शुक्र माइनस 3.9 मैग्नीट्यूड से चमक रहा था जबकि मंगल की चमक 1.8 मैग्नीट्यूड थी। इसका मतलब ये हुआ कि शुक्र की चमक मंगल की तुलना में 190 गुना अधिक थी। इसलिए शुक्र तो तेज चमक रहा था लेकिन मंगल को देखने के लिए गोधूली बेला में आकाश की लालिमा को कम होने का इंतजार करना पड़ा।

- पृथ्वी से 21 करोड़ किमी दूर था

शुक्र ग्रह पृथ्वी से 21 करोड़ किमी से अधिक दूर था जबकि मंगल पृथ्वी से 37 करोड़ किमी से अधिक दूर था। लेकिन पृथ्वी से उनका कोण इस प्रकार का था कि वे मिलते से नजर आए। उन्होंने ये भी बताया कि इस खगोलीय संयोग को पटना सहित पूरे देश के लोगों ने देखा।

- 13 साल बाद बनेगा दुर्लभ संयोग

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बात कतरे हुए सारिका ने बताया कि इस तरह का खगोलीय संयोग पहले भी हो चुका है। 24 अगस्त 2019 को शुक्र और मंगल का मिलन हुआ था लेकिन सूर्य के नजदीक होने के कारण दिखाई नहीं दिया। इसके अलावा 5 अक्टूबर 2017 को सुबह के आकाश में इस घटना को देखा गया था। इस तरह का खगोलीय संयोग अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए तीन साल बाद 22 फरवरी 2024 को सुबह के आकाश में पश्चिम दिशा में होगा। मगर 13 जुलाई 2021 के मिलाप जैसा करीबी मिलन 13 साल बाद 11 मई 2034 को होगा।