PATNA : पटना यूनिवर्सिटी में टीचर प्रमोशन मामले में वीसी प्रो। वाईसी सिम्हाद्रि हाईकोर्ट और राजभवन दोनों के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं। बार-बार राजभवन की ओर से चिंता जतायी गई है। लेकिन अभी तक किसी निर्देश का पालन नहीं किया गया है। यह मामला डिमोटेड शिक्षकों पर कार्रवाई करने और योग्य शिक्षकों को प्रमोट करने में भेदभाव का है। रोचक तथ्य यह है कि वीसी प्रो। वाईसी सिम्हाद्रि का कार्यकाल फ्0 जनवरी, ख्0क्7 को समाप्त हो रहा है। इसलिए आनन-फानन में प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। यह महज संयोग है कि सलेक्शन कमेटी में शामिल एक एक्सपर्ट स्वास्थ्य कारणों से ख्8 जनवरी को मीटिंग में शामिल नहीं हो सके। अब यह मीटिंग सोमवार को होगी। सोमवार को सलेक्शन कमेटी और सिंडिकेट की मीटिंग कर अंतिम रूप से प्रमोशन के लिए चयनित प्रोफेसरों का नाम राज्यपाल को भेज दिया जाएगा। नियमावली की अनदेखी की जा रही है।

पूटा पहले ही जता चुका है विरोध

प्रमोशन को लेकर पीयू प्रशासन द्वारा भेदभाव और नियमों से इतर जाकर इसे अंतिम रूप देने के मामले पर पटना यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) ने 'पीक एंड चूज' की नीति अपनाने पर विरोध जताया है। बताया जा रहा है कि इसमें नेताओं की पैरवी प्राप्त शिक्षकों को उनके अगले पद के लिए प्रमोट किया जा रहा है। जबकि उनके समकक्ष के शिक्षकों की अनदेखी की जा रही है। कुछ शिक्षक कोर्ट जाने की बात तक कह चुके हैं। पूटा महासचिव अनिल कुमार ने कहा कि प्रमोशन में एक मापदंड नहीं अपनाया जा रहा है।

सब कुछ आनन- फानन में

प्रमोशन को लेकर अब तक पीएमआरआई डिपार्टमेंट को छोड़ सभी विभागों का इंटरव्यू हो चुका है। अब सोमवार (फ्0जनवरी, ख्0क्7) को इस संबंध में सलेक्शन कमेटी और सिंडिकेट की बैठक होनी है। इसके बाद अंतिम रूप से प्रमोशन के लिए चुने गए शिक्षकों का नाम नोटिफाई कर दिया जाएगा। यदि इसमें तक निर्णय को स्वीकार कर लिया जाता है तो एक बार फिर से योग्य शिक्षक प्रमोशन से वंचित रह जाएंगे। इससे पहले ही कई शिक्षक बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो चुके हैं।

इंटरव्यू की जानकारी नहीं दी गई

पीयू प्रशासन किस प्रकार से मनमानी कर रहा है इस बात की नजीर है, उनका दोहरा रवैया। प्रोफेसर के लिए प्रोन्नति पाने के लिए सलेक्शन कमेटी के सामने इंटरव्यू के लिए संबंधित शिक्षक को आना होता है। लेकिन इस बारे में कुछ लोगों को इंटरव्यू के एक दिन पहले जानकारी दी गई और जबकि कुछ शिक्षकों को जानकारी ही नहीं दी गई। जानकारी हो कि सलेक्शन कमेटी द्वारा ख्0क्ख् और ख्0क्फ् में किये गए प्रमोशन को लेकर हाईकोट में सवाल उठाया गया था।

पीयू के क्ख्ब् शिक्षकों का है मामला

यह क्ख्ब् शिक्षकों का मामला है। विगत क्0 नवंबर, ख्0क्म् को राज्यपाल सचिवालय में संयुक्त सचिव अरशद अजीज ने पीयू शिक्षकों के गलत प्रोन्नति को रद्द करने और हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों का पालन करने में निर्देश दिये थे। इसके साथ ही स्पष्टीकरण भी मांगा गया था। राजभवन के द्वारा पीयू प्रशासन को लिखे पत्र में प्रोन्नति दिये गए शिक्षकों के वेतन भुगतान के वैधानिक औचित्य पर सवाल उठाया गया था। लेकिन इस मामले में वीसी ने कोई जवाब नहीं दिया है।