क्कन्ञ्जहृन् (11स्द्गश्चह्ल): बिहार के मासूम लंबे समय से मानव तस्करों के निशाने पर रहे हैं। इस बार भी गरीब घर के बच्चों को मुंबई की मंडी मे पहुंचाने की तैयारी थी। लेकिन समय रहते सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी )के जवानों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। रक्सौल और मोतिहारी सहित नेपाल के 22 नाबालिग बच्चों को बरामद किया गया है, लेकिन तस्कर हाथ नहीं आ सके हैं। शनिवार देर रात हुए इस बड़े खुलासे के पहले भी सौ से अधिक बच्चों को बरामद किया गया है जिन्हें मुम्बई ले जाने की तैयारी थी। फिलहाल एसएसबी के साथ पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर तस्करों तक पहुंचने में जुटी है।

- खुफिया सूचना पर एक्टिव हुई फोर्स

शनिवार रात एसएसबी की 13 बटालियन के अफसरों को खुफिया जानकारी मिली कि मानव तस्करों का बड़ा गिरोह गरीब मासूमों को मुम्बई में ले जाने की तैयार कर रहा है। सूचना मिलते ही अफसरों ने टीम गठित कर छापेमारी शुरू कर दी। नेपाल से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों से लेकर सार्वजनिक स्थानों पर सर्च होने लगी। इस दौरान मोतिहारी और रक्सौल रेलवे स्टेशन से रक्सौल मुम्बई जन साधारण एक्सप्रेस से 22 बच्चों को बरामद किया गया। इनकी उम्र 12 से 15 वर्ष के बीच है। पूछताछ में वह कुछ भी नहीं बता पा रहे थे।

- जवानों को देख भागे तस्कर

एसएसबी और रेल पुलिस के जवानों को देख तस्कर ट्रेन से फरार हो गए। वहीं बच्चे भी पूछताछ में उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। एसएसबी को आशंका है कि बच्चों को मुम्बई की मंडी में ले जाकर बेचने की तैयारी थी। क्योंकि जितने भी बच्चे हाल में बरामद हो रहे हैं उन्हें मुम्बई ले जाने की तैयारी होती है। एसएसबी के अधिकारियों के मुताबिक बच्चों को स्वयं सेवी संस्थाओं के सुपुर्द कर दिया गया है। इसमें 19 बच्चे नेपाल सीमा के भारतीय गांव में रह रहे गरीब परिवार के हैं, जबकि तीन नेपाली हैं।

- मुम्बई तक तस्करों का नेटवर्क

मानव तस्करों का नेटवर्क बिहार से लेकर मुम्बई तक काफी मजबूत है। ये पहला खुलासा नहीं है। पूर्व में एसएसबी ने इसी वर्ष 361 बच्चों को बरामद किया है। वर्ष 2015 में भी तस्करों के चंगुल से अधिक संख्या में छुड़ाया गया है।

- वर्ष 2015 में 300 से अधिक बच्चों को छ़ड़ाया।

- वर्ष 2016 में अब तक 361 बच्चों को छुड़ाया गया ।

- वर्ष 2016 में 100 से अधिक नेपाली बच्चे बरामद।

एसएसबी ने मानव तस्करी का बड़ा खुलासा किया है। आशंका बच्चों को मुम्बई की मंडी में ले जाने की थी। हालांकि इसकी जांच पड़ताल की जा रही है। एसएसबी मानव तस्करी पर अंकुश लगाने को लेकर एक्टिव है।

- एनकेबी सिंह, पीओ, एसएसबी पटना फ्रंटियर